नवोदय की तीसरी प्रतीक्षा सूची में चयनित छात्रों की संख्या कितनी होती है?
1. प्रस्तावना
हर वर्ष लाखों छात्र जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश पाने का सपना लेकर चयन परीक्षा में बैठते हैं। पहली सूची में जिन बच्चों का चयन नहीं हो पाता, वे उम्मीद लगाकर दूसरी और फिर तीसरी प्रतीक्षा सूची की प्रतीक्षा करते हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि नवोदय की तीसरी प्रतीक्षा सूची में कितने बच्चों का चयन होता है, यह संख्या कैसे तय की जाती है, और इसके पीछे क्या-क्या प्रक्रिया काम करती है। साथ ही हम राज्यवार और श्रेणीवार इसका विश्लेषण करेंगे और बताएँगे कि चयन की संभावना किन बच्चों के लिए अधिक होती है।

2. प्रतीक्षा सूची का तंत्र क्या है?
नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (JNVST) में बच्चों का चयन जिलेवार और श्रेणीवार रिक्तियों के आधार पर किया जाता है। जब पहली सूची के बाद सभी सीटें भर नहीं पातीं, तो दूसरी सूची आती है। अगर दूसरी सूची के बाद भी कुछ सीटें खाली रह जाती हैं—किसी ने जॉइन नहीं किया, किसी के दस्तावेज़ अपूर्ण रहे या फिर किसी ने किसी अन्य स्कूल को प्राथमिकता दी—तो नवोदय समिति तीसरी प्रतीक्षा सूची जारी करती है।
तीसरी सूची, अंतिम अवसर होती है स्कूलों के लिए कि वे शेष खाली सीटों को भर लें ताकि सत्र का संचालन पूर्ण रूप से हो सके।
3. तीसरी सूची में चयनित छात्रों की संख्या – अनुमान और आधार
अब आते हैं मुख्य सवाल पर—तीसरी सूची में कितने बच्चों का चयन होता है?
इस प्रश्न का कोई एक निश्चित उत्तर नहीं होता, क्योंकि यह कई बातों पर निर्भर करता है:
(1) कुल खाली सीटों की संख्या
नवोदय विद्यालय पूरे भारत में लगभग 650 से अधिक जिलों में संचालित हैं। हर जिले में सामान्यतः 80 बच्चों का एक बैच होता है। यानी कुल मिलाकर लगभग 50,000+ बच्चों का चयन होता है हर वर्ष।
- पहली सूची में लगभग 90% सीटें भर जाती हैं।
- दूसरी सूची में 6–7% सीटें भरती हैं।
- तीसरी सूची में शेष 2–3% सीटें ही बचती हैं।
अगर हम 50,000 सीटों में से 2% भी मानें, तो तीसरी प्रतीक्षा सूची से लगभग 1000 से 1500 बच्चों का चयन होता है।
यह संख्या वर्ष दर वर्ष थोड़ी बदल सकती है, लेकिन औसतन तीसरी सूची से 1,000 से लेकर 2,000 तक बच्चे चयनित होते हैं।
4. चयनित संख्या कैसे तय होती है?
तीसरी प्रतीक्षा सूची की संख्या यह देखकर तय होती है कि:
- किन जिलों में अब भी सीटें रिक्त हैं
- किस श्रेणी (SC/ST/OBC/UR) में रिक्तियाँ बची हैं
- ग्रामीण और शहरी कोटे के अनुपात में कहां कमी है
- किन बच्चों ने पहले की सूची में चयन होने के बावजूद जॉइन नहीं किया
उदाहरण के लिए:
अगर किसी जिले में 80 सीटें थीं, पहली सूची में 72 बच्चे आए, दूसरी में 5 और जॉइन किए, लेकिन 3 बच्चों ने दाखिला नहीं लिया, तो तीसरी सूची में वहां सिर्फ 3 बच्चों को बुलाया जाएगा।
यह प्रक्रिया हर जिले में अलग-अलग होती है। इसलिए तीसरी सूची में चयनित बच्चों की संख्या समान नहीं होती।
5. जिला-स्तर पर चयन संख्या
आइए एक अनुमानित गणना करें:
ज़िला | कुल सीटें | 1st लिस्ट में भरे | 2nd लिस्ट में भरे | बची सीटें (3rd लिस्ट के लिए) |
---|---|---|---|---|
जिला A | 80 | 72 | 6 | 2 |
जिला B | 80 | 68 | 8 | 4 |
जिला C | 80 | 75 | 4 | 1 |
तो उपरोक्त उदाहरण के अनुसार, तीन जिलों में कुल 7 सीटें तीसरी सूची के लिए बची हैं। अगर इसी तरह के आंकड़े हम सभी जिलों में जोड़ें, तो 650 जिलों में यह संख्या 1000 से 2000 तक पहुँच सकती है।
6. क्या सभी जिलों से तीसरी सूची निकलती है?
नहीं, तीसरी प्रतीक्षा सूची केवल उन्हीं जिलों से निकलती है जहां:
- पहली व दूसरी सूची के बाद भी सीटें खाली हों
- स्कूल और जिला शिक्षा अधिकारी ने रिक्ति की रिपोर्ट समय पर भेजी हो
- दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया पूरी हुई हो
कुछ जिलों में सभी सीटें भर जाती हैं, वहां तीसरी सूची जारी नहीं की जाती।
7. श्रेणीवार चयनित बच्चों की संख्या
तीसरी सूची में चयनित बच्चों की श्रेणी भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- SC/ST छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है यदि उनकी सीटें रिक्त हों
- OBC और UR की सीटें केवल तभी भरी जाती हैं जब आरक्षित सीटों के लिए उपयुक्त अभ्यर्थी न मिलें
- बालिकाओं के लिए न्यूनतम एक-तिहाई सीटें आरक्षित होती हैं, तो अगर पहले की सूची में यह अनुपात न पूरा हो सका हो, तो तीसरी सूची से यह पूरा किया जाता है
इसलिए तीसरी सूची में SC/ST वर्ग के बच्चों का चयन प्रतिशत तुलनात्मक रूप से अधिक देखा गया है।
8. तीसरी सूची में चयन के लिए जरूरी अंक (संक्षेप में)
तीसरी सूची में कटऑफ दूसरी सूची से थोड़ा कम होता है। जैसे:
श्रेणी | द्वितीय लिस्ट कटऑफ | तीसरी लिस्ट अनुमानित कटऑफ |
---|---|---|
सामान्य (UR) | 75–80 | 70–75 |
OBC | 70–75 | 66–70 |
SC | 66–70 | 60–65 |
ST | 60–66 | 55–60 |
जिन बच्चों के अंक इन सीमाओं के आसपास हैं, उनके चयन की संभावना अधिक होती है।
9. चयन के बाद क्या करें?
तीसरी सूची से चयनित बच्चों को बहुत कम समय में स्कूल में रिपोर्ट करना होता है। इसलिए:
- दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, आधार कार्ड आदि पहले से तैयार रखें
- जिला नवोदय विद्यालय या DEO कार्यालय से समय-समय पर जानकारी लेते रहें
- Navodaya की आधिकारिक वेबसाइट और स्थानीय समाचार पत्रों पर नज़र बनाए रखें
- कई बार विद्यालय सूची वेबसाइट पर डालने से पहले ही अभ्यर्थी को व्यक्तिगत रूप से सूचित करता है
10. तीसरी प्रतीक्षा सूची कब आती है?
आमतौर पर:
- पहली सूची अप्रैल–मई में आती है
- दूसरी सूची जून–जुलाई में आती है
- तीसरी सूची जुलाई के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह में जारी की जाती है (अगर रिक्तियाँ बची हों)
ध्यान रहे, तीसरी सूची सभी जगह प्रकाशित नहीं होती। यह केवल रिक्त सीटों वाले जिलों के लिए आती है।
11. क्या तीसरी सूची के बाद भी कोई अवसर होता है?
तीसरी प्रतीक्षा सूची अंतिम सूची मानी जाती है। इसके बाद कोई आधिकारिक सूची नहीं आती। हालांकि, बहुत कम मामलों में किसी बच्चे के जॉइन न करने या दस्तावेज़ अस्वीकृति के कारण व्यक्तिगत स्तर पर किसी अन्य छात्र को बुलाया जा सकता है। लेकिन इसे सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं किया जाता।
12. तैयारी कर रहे बच्चों के लिए सलाह
यदि आप 3rd सूची का इंतजार कर रहे हैं:
- धैर्य रखें, चयन संभव है
- रोज़ navodayatrick.com जैसी विश्वसनीय वेबसाइट पर जाएँ जहां लिस्ट, अभ्यास सामग्री और Mock Tests उपलब्ध हैं
- स्कूल में संपर्क बनाए रखें
- मानसिक रूप से अन्य विकल्पों के लिए भी तैयार रहें जैसे – सैनिक स्कूल, राज्य आवासीय विद्यालय, गुरुकुल विद्यालय, आदि
- अगर इस बार चयन नहीं हो पाया तो 9वीं प्रवेश के लिए अभी से रणनीति बनाएं
13. निष्कर्ष
नवोदय विद्यालय की तीसरी प्रतीक्षा सूची सीमित जिलों में, सीमित सीटों के लिए जारी होती है। देशभर में इसकी संख्या 1000 से 2000 बच्चों तक होती है। यह सूची उन बच्चों के लिए अंतिम अवसर होती है जो थोड़ा पीछे रह गए लेकिन मेहनत से कोई समझौता नहीं किया। ऐसे बच्चों के लिए यह सूची आशा की किरण है।
आपका चयन हो या न हो, यह सफर खुद में एक उपलब्धि है। यदि आप इस प्रक्रिया में ईमानदारी से जुड़े हैं, तो सफलता किसी न किसी रूप में ज़रूर मिलेगी। यदि आपको और जानकारी या मार्गदर्शन चाहिए, तो navodayatrick.com आपके साथ है। हम निरंतर नवोदय से संबंधित सभी विषयों पर अपडेट, गाइड, मॉक टेस्ट और तैयारी सामग्री प्रदान करते हैं, वो भी मुफ्त।
लेख निष्कर्ष:
तीसरी प्रतीक्षा सूची में चयन का आँकड़ा सीमित होता है, लेकिन यह उन छात्रों के लिए बड़ा अवसर है जो बस कुछ अंकों से पहले की सूचियों में चूक गए थे। ऐसे में उम्मीद बनाए रखना, तैयारी जारी रखना और जानकारी में अपडेट रहना आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
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