नवोदय प्रतीक्षा सूची में स्थान कैसे निर्धारित होता है? 

नवोदय प्रतीक्षा सूची में स्थान कैसे निर्धारित होता है? 

जब भी नवोदय विद्यालय समिति (NVS) कक्षा 6 या 9 में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित करती है, तो लाखों विद्यार्थी इसमें हिस्सा लेते हैं। परीक्षा के बाद चयन सूची जारी होती है, जिसमें सफल छात्रों के नाम होते हैं। लेकिन इसके साथ ही एक और सूची तैयार होती है – प्रतीक्षा सूची (Waiting List)

कई छात्रों और अभिभावकों के मन में यह सवाल होता है कि प्रतीक्षा सूची में किसी छात्र का स्थान कैसे तय होता है? यानी कोई बच्चा वेटिंग लिस्ट में पहले नंबर पर है, तो कोई तीसरे या दसवें पर क्यों?

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इस लेख में हम विस्तार से और सरल भाषा में समझाएंगे कि नवोदय प्रतीक्षा सूची कैसे तैयार होती है, स्थान कैसे तय किया जाता है, और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें क्या हैं।

Navodaya की दूसरी सूची अब देख सकते हैं
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प्रतीक्षा सूची क्या होती है?

प्रतीक्षा सूची उन छात्रों की सूची होती है जो मुख्य चयन सूची में शामिल नहीं हो पाते लेकिन मेरिट में पास होते हैं। यदि मुख्य सूची के कोई छात्र दाखिला नहीं लेते हैं, तो उनकी जगह प्रतीक्षा सूची में शामिल छात्रों को मौका दिया जाता है।

प्रतीक्षा सूची में स्थान तय करने की प्रक्रिया

1. प्रत्येक जिले का अलग मेरिट

नवोदय विद्यालय में प्रवेश जिला स्तर पर होता है। यानी हर जिले के लिए एक तय संख्या में सीटें होती हैं। इस कारण से हर जिले की अलग-अलग मेरिट लिस्ट और प्रतीक्षा सूची बनती है।

उदाहरण:
अगर किसी जिले में 80 सीटें हैं और 2000 छात्रों ने परीक्षा दी है, तो पहले 80 को मुख्य चयन सूची में रखा जाएगा और उसके बाद मेरिट क्रम से प्रतीक्षा सूची तैयार होगी।

2. प्रत्येक वर्ग (Category) का अलग निर्धारण

प्रत्येक जिले की सीटों को निम्नलिखित वर्गों में बांटा जाता है:

  • सामान्य वर्ग (General)
  • अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
  • अनुसूचित जाति (SC)
  • अनुसूचित जनजाति (ST)
  • बालिका वर्ग (Girls Quota)
  • ग्रामीण / शहरी कोटा

प्रत्येक कोटे के लिए अलग मेरिट बनाई जाती है, और उसी आधार पर प्रतीक्षा सूची भी तैयार होती है।

इसका मतलब यह है कि एक सामान्य वर्ग की वेटिंग लिस्ट और SC वर्ग की वेटिंग लिस्ट अलग-अलग होती है।

3. लिंग (Gender) आधारित चयन

नवोदय में बालिकाओं के लिए आरक्षण होता है, ताकि कम से कम एक तिहाई सीटें लड़कियों को मिलें। इसलिए बालक और बालिका वर्ग की मेरिट अलग-अलग बनती है। प्रतीक्षा सूची भी इसी आधार पर तैयार होती है।

यदि किसी जिले में लड़की उम्मीदवार की संख्या कम होती है, तो वेटिंग लिस्ट में भी प्राथमिकता लड़कियों को मिलती है।

4. ग्रामीण और शहरी कोटा

नवोदय विद्यालय में कम से कम 75% सीटें ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं। अतः वेटिंग लिस्ट में भी ग्रामीण छात्रों को प्राथमिकता मिलती है।

यदि आपने आवेदन में ग्रामीण क्षेत्र चुना है और आवश्यक मानदंड पूरे किए हैं, तो आपकी प्रतीक्षा सूची में बेहतर स्थान बन सकता है।

5. परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर क्रम

प्रत्येक छात्र का परीक्षा में प्राप्त कुल स्कोर (जो कि NVS द्वारा गुप्त रखा जाता है) ही यह तय करता है कि वह मुख्य सूची में आएगा या प्रतीक्षा सूची में।

प्रतीक्षा सूची में वही छात्र आते हैं जिनका स्कोर थोड़े अंतर से कटऑफ से कम होता है। उनके क्रम का निर्धारण उनके अंकों के हिसाब से होता है – अधिक अंक वालों को ऊपरी स्थान मिलता है।

उदाहरण:
यदि कटऑफ 85 अंक है और आपने 84 अंक प्राप्त किए हैं, और आपने ग्रामीण, OBC वर्ग से आवेदन किया है, तो आप वेटिंग लिस्ट में ऊपरी पायदान पर हो सकते हैं।

6. Tie-Breaking नियम

यदि दो छात्रों के अंक समान होते हैं, तो निम्नलिखित नियमों से स्थान तय होता है:

  1. गणित में अधिक अंक – जिसे गणित में अधिक अंक मिले हैं, उसे प्राथमिकता।
  2. अंग्रेज़ी में अधिक अंक (यदि लागू हो)
  3. उम्र में छोटा छात्र – दोनों छात्रों के अंक एक जैसे हैं, तो जो छात्र उम्र में छोटा है, उसे वरीयता दी जाती है।

प्रतीक्षा सूची में स्थान जानने का तरीका

1. जारी होने वाली प्रतीक्षा सूची में नाम देखें

जब नवोदय समिति प्रतीक्षा सूची जारी करती है, तो उसमें हर छात्र का क्रमांक और कोटा लिखा होता है। आप उसे देखकर समझ सकते हैं कि आपका स्थान कितने नंबर पर है।

2. स्कूल से संपर्क करें

कभी-कभी प्रतीक्षा सूची सीधे विद्यालय को भेजी जाती है और वेबसाइट पर नहीं आती। ऐसे में संबंधित नवोदय विद्यालय में संपर्क करके अपना स्थान जान सकते हैं।

3. प्रतीक्षा सूची में स्थान होने का मतलब क्या होता है?

  • अगर आपका स्थान वेटिंग लिस्ट में बहुत ऊपर है (जैसे नंबर 1 से 10 के बीच), तो आपको कॉल आने की संभावना ज़्यादा होती है।
  • स्थान जितना नीचे होगा, संभावना उतनी कम होती जाएगी, लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं होती। क्योंकि मुख्य सूची के कई बच्चे निजी स्कूलों में चले जाते हैं।

प्रतीक्षा सूची में चयन कब होता है?

  • नवोदय समिति का नियम है कि प्रतीक्षा सूची से चयन 31 अगस्त तक किया जाता है।
  • यदि उस समय तक मुख्य सूची के कुछ छात्रों ने एडमिशन नहीं लिया है, तो प्रतीक्षा सूची के छात्रों को बुलाया जाता है।
  • उन्हें फोन, पत्र या स्कूल कॉल करके सूचित किया जाता है।

प्रतीक्षा सूची के उदाहरण से समझिए

मान लीजिए किसी जिले की मुख्य चयन सूची में 80 छात्र हैं। उनमें से 5 छात्र एडमिशन नहीं लेते। अब स्कूल उन 5 सीटों के लिए प्रतीक्षा सूची के क्रम 1 से 5 तक के छात्रों को कॉल करता है।

लेकिन अगर पहले नंबर पर वाला छात्र समय पर नहीं पहुंचा, तो नंबर 6 को मौका मिल सकता है। इस तरह संभावना बनी रहती है, लेकिन स्थान जितना ऊपर होगा, उतना ही बेहतर।

प्रतीक्षा सूची में स्थान अच्छा है तो क्या करें?

  1. 31 अगस्त तक इंतज़ार करें
  2. सभी ज़रूरी दस्तावेज़ तैयार रखें
  3. फोन कॉल या पत्र का ध्यान रखें
  4. स्कूल से नियमित संपर्क रखें
  5. झूठी अफवाहों से दूर रहें

निष्कर्ष

नवोदय प्रतीक्षा सूची में स्थान का निर्धारण पूरी तरह पारदर्शी, मेरिट आधारित और कोटा नियमों के अनुसार होता है। इसमें कोई भी सिफारिश, जुगाड़ या पैसे से बदलाव संभव नहीं है।

यदि आपका नाम प्रतीक्षा सूची में है, और आपका स्थान ऊपर है, तो आपको शांत और जागरूक रहना चाहिए। समय पर सूचना पाकर दाखिला हो सकता है।

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