नवोदय में चयन न होने पर विकल्प क्या हैं? अंतिम चयन सूची में नाम न आने पर छात्रों के लिए अब क्या रास्ते हैं?
रिपोर्टर – विशेष संवाददाता, एजुकेशन डेस्क | तारीख – 6 जुलाई 2025
नई दिल्ली: नवोदय विद्यालय में दाख़िला पाना हर ग्रामीण छात्र के लिए एक सपने की तरह होता है। देशभर में लाखों बच्चे हर साल इस परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन सीटें सीमित होती हैं। 2025 की चयन प्रक्रिया अब लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, और तीसरी प्रतीक्षा सूची (3rd List) आने वाली है। ऐसे में कई छात्र और अभिभावक आशंकित हैं कि अगर तीसरी लिस्ट में भी नाम नहीं आया, तो अब आगे क्या करें? क्या कोई दूसरा विकल्प है? क्या सपना यहीं खत्म हो जाता है?
इस रिपोर्ट में हम उन सभी छात्रों और परिवारों के लिए वास्तविक और उपयोगी जानकारी लेकर आए हैं, जिनका चयन नवोदय में नहीं हो सका है या अब भी प्रतीक्षा सूची में नाम नहीं आया है।

पहली बात – यह अंत नहीं है
नवोदय में चयन नहीं होना निराशा का कारण हो सकता है, लेकिन यह जीवन का अंत नहीं है। यह समझना ज़रूरी है कि देश में नवोदय जैसे कई अन्य उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान हैं, जो प्रतिभाशाली बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं।
इसके साथ ही, जो छात्र इस बार चयनित नहीं हो पाए हैं, उनके पास आगे और भी अवसर हैं। जरूरत है सही जानकारी और सकारात्मक सोच की।
विकल्प 1 – अटल आवासीय विद्यालय
अटल आवासीय विद्यालय, कई राज्यों में शुरू किया गया एक नया शिक्षा मॉडल है, जिसमें नवोदय जैसी ही सुविधाएं दी जाती हैं। ये स्कूल ग्रामीण, आर्थिक रूप से कमजोर और श्रमिक वर्ग के बच्चों के लिए बनाए गए हैं।
- पूरी तरह निशुल्क शिक्षा
- आवासीय सुविधा, भोजन, पाठ्य सामग्री सब कुछ निःशुल्क
- प्रवेश परीक्षा राज्य सरकार के माध्यम से होती है
- हर जिले में 1 विद्यालय स्थापित किया जा रहा है
जो छात्र नवोदय में नहीं चुने गए, वे atalawasiyavidyalaya.com जैसी वेबसाइट पर जाकर प्रवेश जानकारी ले सकते हैं।
विकल्प 2 – सैनिक स्कूल
सैनिक स्कूल भी नवोदय का एक मजबूत विकल्प है, खासकर उन बच्चों के लिए जो अनुशासित जीवनशैली और रक्षा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।
- कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश
- Sainik School Society द्वारा परीक्षा आयोजित होती है
- विशेष रूप से लड़कों के लिए, लेकिन अब कई स्कूलों में लड़कियों के लिए भी सीटें आरक्षित
- फीस नवोदय से थोड़ी अधिक, लेकिन सरकारी छात्रवृत्ति उपलब्ध
यदि आपके बच्चे में नेतृत्व क्षमता है और वह सेना या प्रशासनिक सेवा में जाना चाहता है, तो सैनिक स्कूल एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
विकल्प 3 – विद्या ज्ञान स्कूल
विद्या ज्ञान स्कूल, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है, जिसमें गरीब और ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेज़ी माध्यम शिक्षा दी जाती है।
- केवल यूपी के छात्रों के लिए
- RISE परीक्षा के माध्यम से चयन
- उच्च स्तरीय शिक्षा और सुविधाएं
- 100% छात्रवृत्ति
यह स्कूल गरीब लेकिन होनहार छात्रों के लिए IIT, NEET, UPSC जैसी प्रतियोगिताओं की मजबूत नींव तैयार करता है।
विकल्प 4 – केंद्रीय विद्यालय / जवाहर नवोदय जैसी प्राइवेट रेजिडेंशियल स्कूल
यदि आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर है, तो कई अच्छे प्राइवेट आवासीय स्कूल हैं, जो नवोदय जैसी शिक्षा और अनुशासन देते हैं। कुछ विद्यालय शुल्क भी माफ करते हैं या छात्रवृत्ति देते हैं।
- बोर्डिंग स्कूलों की सूची ज़िले के शिक्षा कार्यालय या navodayatrick.com जैसी वेबसाइट पर देख सकते हैं
- प्रवेश के लिए स्कूलों से सीधे संपर्क करें
- कुछ विद्यालय प्रवेश परीक्षा भी लेते हैं
यह विकल्प उन परिवारों के लिए है जो थोड़ी बहुत आर्थिक व्यवस्था कर सकते हैं और अपने बच्चे को अच्छे वातावरण में पढ़ाना चाहते हैं।
विकल्प 5 – अगली बार फिर से प्रयास करें (कक्षा 5 के छात्र)
अगर छात्र अभी कक्षा 5 में हैं और इस साल नवोदय की परीक्षा में बैठे थे, तो उनके पास अगले साल फिर से प्रयास करने का पूरा मौका है।
- नवोदय में कक्षा 6 में एक बार और बैठने की अनुमति होती है, बशर्ते उम्र सीमा में हों
- इस बार की कमज़ोरियों का विश्लेषण करें
- VK Academy YouTube Channel जैसे संसाधनों से मार्गदर्शन लें
- Navodayatrick.com पर Free टेस्ट, पीडीएफ, बुक्स और टाइम टेबल उपलब्ध हैं
सही योजना और निरंतर अभ्यास से अगली बार सफलता पाई जा सकती है।
विकल्प 6 – सामान्य विद्यालय में पढ़ाई और खुद की मेहनत
हर सफलता सिर्फ स्कूल के नाम पर नहीं होती। कई छात्र सामान्य सरकारी स्कूल से पढ़कर भी IAS, डॉक्टर, इंजीनियर बनते हैं।
- यदि किसी विशेष स्कूल में दाख़िला नहीं मिलता, तो अपने वर्तमान स्कूल में पढ़ाई जारी रखें
- खुद पर विश्वास रखें और खुद से आगे बढ़ने का जज़्बा रखें
- ऑनलाइन संसाधनों का लाभ लें, जैसे यूट्यूब, टेस्ट सीरीज, मुफ्त नोट्स आदि
आज इंटरनेट की मदद से घर बैठे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
विशेषज्ञों की सलाह – मनोबल टूटने न दें
शिक्षाविद् प्रो. डी के सिंह कहते हैं, “नवोदय एक अवसर है, लेकिन यही जीवन नहीं है। अगर छात्र सही मार्गदर्शन और मेहनत से काम करें, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।”
उनका कहना है कि परिवार को चाहिए कि बच्चे को मानसिक सहारा दें, उसे निराश न होने दें, और विकल्पों की सही जानकारी समय पर दें।
क्या करें और क्या न करें
ज़रूर करें:
- तुरंत विकल्पों की जानकारी जुटाएं
- जहां भी आवेदन करना हो, समय पर करें
- बच्चे का आत्मविश्वास बनाए रखें
- ऑफलाइन और ऑनलाइन संसाधनों से मदद लें
न करें:
- नवोदय में चयन न होने पर बच्चे को डांटें नहीं
- अफवाहों या एजेंटों के झांसे में न आएं
- समय व्यर्थ न गंवाएं
- भविष्य को अंधकार न मानें
निष्कर्ष – हर रास्ता बंद नहीं होता
नवोदय में चयन न होने पर निराश होना स्वाभाविक है, लेकिन इससे जीवन की रफ्तार नहीं रुकती। आज देश में कई ऐसे विकल्प मौजूद हैं जो नवोदय के समान या उससे भी बेहतर हो सकते हैं, बशर्ते जानकारी हो और निर्णय सही हो।
हर बच्चा खास होता है, और सही मार्गदर्शन से कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है।
नवोदय प्रतीक्षा सूची कब अपडेट की जाती है?
प्रतीक्षा सूची वाले छात्र कब नवोदय स्कूल में रिपोर्ट करें?
पिछले साल नवोदय की तीसरी प्रतीक्षा सूची कब आई थी?
नवोदय 3rd लिस्ट के बाद क्या करें?