नवोदय विद्यालय में कौन-कौन से खेल कराए जाते हैं
नवोदय विद्यालय केवल शिक्षा का मंदिर नहीं, बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास की प्रयोगशाला है। यहाँ पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और नैतिक विकास को भी बराबर महत्व दिया जाता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए नवोदय विद्यालयों में खेलों को एक अनिवार्य और आवश्यक गतिविधि के रूप में शामिल किया गया है।
आज के समय में जब बच्चे मोबाइल और टीवी की दुनिया में फँसते जा रहे हैं, नवोदय विद्यालय का यह प्रयास उन्हें खेलों के ज़रिए सक्रिय, अनुशासित और सशक्त बनाने में अत्यंत सहायक है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नवोदय विद्यालय में कौन-कौन से खेल कराए जाते हैं, और उनका क्या महत्व है।

नवोदय विद्यालयों में खेल संस्कृति की नींव
नवोदय विद्यालय समिति (NVS) यह मानती है कि खेल विद्यार्थियों के समग्र विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसी कारण से विद्यालयों में प्रतिदिन खेलों के लिए एक निर्धारित समय तय किया गया है। चाहे वह सुबह की पीटी हो या शाम का खेल समय – हर दिन बच्चों को शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जाता है।
विद्यालयों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित खेल शिक्षक नियुक्त किए जाते हैं, साथ ही पर्याप्त खेल सामग्री और खेल मैदान भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
नवोदय विद्यालय में कराए जाने वाले प्रमुख खेल
नवोदय विद्यालयों में खेल गतिविधियाँ दो भागों में बाँटी जा सकती हैं –
- आउटडोर गेम्स (बाहरी खेल)
- इनडोर गेम्स (भीतरी खेल)
1. आउटडोर गेम्स (बाहरी खेल)
बाहरी खेल वे होते हैं जो मैदान में खेले जाते हैं और जिनमें अधिक शारीरिक गतिविधि होती है। नवोदय विद्यालयों में निम्नलिखित आउटडोर खेल कराए जाते हैं:
1.1. कबड्डी
यह एक पारंपरिक भारतीय खेल है जो नवोदय के हर विद्यालय में खेला जाता है। इससे बच्चों में फुर्ती, सहनशीलता और चतुराई का विकास होता है।
1.2. खो-खो
यह भी एक देसी खेल है जिसमें दौड़, रणनीति और एकाग्रता का समावेश होता है। लड़के और लड़कियाँ दोनों ही इस खेल में भाग लेते हैं।
1.3. फुटबॉल
यह खेल नवोदय विद्यालयों में अत्यधिक लोकप्रिय है। इसमें टीम भावना, ताकत और अनुशासन का समावेश होता है। फुटबॉल टूर्नामेंट भी आयोजित किए जाते हैं।
1.4. वॉलीबॉल
यह खेल विद्यार्थियों को टीम के साथ सामंजस्य से खेलने की कला सिखाता है। वॉलीबॉल के लिए विद्यालयों में अलग-अलग कोर्ट बनाए जाते हैं।
1.5. एथलेटिक्स
इसमें दौड़, लंबी कूद, ऊँची कूद, गोला फेंक, भाला फेंक आदि स्पर्धाएँ होती हैं। यह शारीरिक क्षमता, सहनशीलता और मनोबल को बढ़ाने का एक बेहतरीन माध्यम है।
1.6. क्रिकेट
हालाँकि क्रिकेट थोड़ा ज्यादा संसाधनों की माँग करता है, फिर भी अधिकतर नवोदय विद्यालयों में बच्चों को इसका अभ्यास कराया जाता है। इसके ज़रिए रणनीति और संयम जैसे गुण बच्चों में विकसित होते हैं।
1.7. बैडमिंटन
जहाँ पर्याप्त स्थान हो, वहाँ बैडमिंटन कोर्ट बनाए जाते हैं। यह खेल बच्चों की एकाग्रता और फुर्ती को बढ़ाता है।
1.8. हॉकी
कुछ नवोदय विद्यालयों में हॉकी भी कराई जाती है, विशेष रूप से उन राज्यों में जहाँ यह खेल पारंपरिक रूप से लोकप्रिय है।
1.9. टग ऑफ वार (रस्साकसी)
यद्यपि यह कोई नियमित खेल नहीं, लेकिन विशेष आयोजनों जैसे वार्षिकोत्सव या खेल सप्ताह के दौरान इसे मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए कराया जाता है।
2. इनडोर गेम्स (भीतरी खेल)
नवोदय विद्यालयों में बारिश या गर्मी के दिनों में जब बाहर खेलना संभव नहीं होता, तब विद्यार्थियों को इनडोर गेम्स खेलने का अवसर दिया जाता है।
2.1. टेबल टेनिस (Table Tennis)
यह खेल बच्चों की प्रतिक्रिया गति और आँखों तथा हाथों के समन्वय को बेहतर बनाता है। कई नवोदय विद्यालयों में टेबल टेनिस टेबल और प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है।
2.2. शतरंज (Chess)
बुद्धिमत्ता और रणनीति का खेल शतरंज बच्चों के मानसिक विकास में अत्यंत सहायक होता है। कई छात्र इस खेल में राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचे हैं।
2.3. कैरम
यह एक साधारण लेकिन लोकप्रिय खेल है, जो विद्यार्थियों को एकाग्रता और धैर्य सिखाता है।
2.4. योग और ध्यान
भले ही यह पारंपरिक खेलों की श्रेणी में न आता हो, लेकिन मानसिक और शारीरिक संतुलन के लिए योग और ध्यान की कक्षाएँ नियमित रूप से चलाई जाती हैं।
खेल प्रतियोगिताएँ और आयोजन
नवोदय विद्यालय समिति द्वारा विभिन्न स्तरों पर खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं:
- विद्यालय स्तर (School Level) – विद्यालय के अंदर ही विभिन्न हाउसों (आकाश, पृथ्वी, अग्नि, जल आदि) के बीच खेल प्रतियोगिताएँ होती हैं।
- क्लस्टर स्तर (Cluster Level) – आसपास के नवोदय विद्यालयों के बीच प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
- क्षेत्रीय स्तर (Regional Level) – क्षेत्रीय नवोदय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के बीच खेल स्पर्धाएँ होती हैं।
- राष्ट्रीय स्तर (National Level) – इसमें पूरे भारत के नवोदय विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ भाग लेते हैं।
इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों को नए स्थानों पर जाने, दूसरों से मिलने और बड़े मंच पर अपने हुनर को दिखाने का अवसर मिलता है।
खेलों के लिए उपलब्ध संसाधन
नवोदय विद्यालयों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई संसाधन प्रदान किए जाते हैं:
- खेल मैदान (फुटबॉल, क्रिकेट, एथलेटिक्स आदि के लिए)
- खेल उपकरण (बॉल, रैकेट, नेट, यूनिफॉर्म)
- प्रशिक्षित खेल शिक्षक
- खेल छात्रवृत्ति और विशेष प्रशिक्षण
- फिटनेस और योग से जुड़े कार्यक्रम
इन सुविधाओं से विद्यार्थियों को केवल खेलने का मौका नहीं मिलता, बल्कि वे प्रतियोगी स्तर तक तैयारी भी कर सकते हैं।
खेलों से छात्रों को होने वाले लाभ
नवोदय विद्यालय में खेल केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि एक साधन हैं विद्यार्थियों को जीवन के लिए तैयार करने का।
1. शारीरिक लाभ: शरीर स्वस्थ, फुर्तीला और मज़बूत बनता है।
2. मानसिक लाभ: निर्णय लेने की क्षमता, समस्या सुलझाने की कला, और फोकस में सुधार।
3. सामाजिक लाभ: दोस्ती, टीम भावना, नेतृत्व, और दूसरों के साथ सहयोग।
4. नैतिक लाभ: ईमानदारी, नियमों का पालन, और खेल भावना।
5. करियर के अवसर: खेल कोटे के माध्यम से उच्च शिक्षा और सरकारी नौकरियों में विशेष अवसर।
निष्कर्ष
नवोदय विद्यालय में जो खेल गतिविधियाँ कराई जाती हैं, वे केवल कुछ घंटों की मौज-मस्ती नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन निर्माण की नींव हैं। इन खेलों के ज़रिए बच्चे न केवल स्वस्थ और सक्रिय बनते हैं, बल्कि उनमें आत्म-विश्वास, नेतृत्व क्षमता, सहनशीलता और सहयोग जैसे गुण भी विकसित होते हैं।
फुटबॉल से लेकर शतरंज तक, कबड्डी से लेकर योग तक – नवोदय विद्यालयों ने यह सिद्ध किया है कि शिक्षा और खेल साथ-साथ चल सकते हैं और साथ चलने भी चाहिए। यही कारण है कि नवोदय के विद्यार्थी आज हर क्षेत्र में आगे हैं, चाहे वह शिक्षा हो, प्रशासन हो या खेल का मैदान।
यदि आप या आपके बच्चे नवोदय विद्यालय से जुड़े हुए हैं, तो खेलों को नज़रअंदाज़ न करें – यही वो क्षेत्र है जो जीवन को दिशा देने का सबसे सहज, स्वाभाविक और मज़बूत माध्यम बन सकता है।
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