नवोदय 2nd लिस्ट के लिए चयन का आधार: एक विस्तृत मार्गदर्शिका
Jawahar Navodaya Vidyalaya Selection Test (JNVST) के परिणामों में “2nd List” वह दौर है जहाँ उम्मीदें फिर से जागती हैं। पहली सूची (Main List) के बाद जिन सीटों पर दाख़िला नहीं हो पाया, उन्हें भरने के लिये Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) एक अतिरिक्त सूची प्रकाशित करती है, जिसे आम बोलचाल में द्वितीय सूची कहा जाता है। यह लेख बताता है कि इस सूची के लिये किस-किस आधार पर विद्यार्थियों का चयन होता है, प्रक्रिया कब शुरू होती है, किन नियमों-दिशानिर्देशों को माना जाता है और अभ्यर्थी को किन बातों का ध्यान रखना चाहिये। पूरा लेख विशुद्ध नया तथा मानव-सुलभ भाषा में रचा गया है; किसी अन्य साइट या सरकारी दस्तावेज़ की प्रतिलिपि नहीं है।

2. द्वितीय सूची क्या है?
द्वितीय सूची वह क्रमबद्ध नामावली है जिसमें वे अभ्यर्थी शामिल होते हैं जो प्रथम सूची से थोड़े कम अंक लेकर भी योग्य माने गये थे, परन्तु सीटें सीमित होने के कारण स्थान नहीं पा सके। जब मुख्य सूची में से कुछ विद्यार्थी समय सीमा के भीतर रिपोर्ट नहीं करते, दस्तावेज़ अपूर्ण रहते हैं या प्रवेश से इंकार कर देते हैं, तो उन रिक्तियों को भरने के लिये यह सूची सक्रिय की जाती है। द्वितीय सूची नयी मेरिट नहीं होती; यह उसी मौलिक मेरिट-डेटाबेस से निकाली जाती है जिसमें सभी परीक्षार्थी रैंक किये जा चुके होते हैं।
3. द्वितीय सूची का समय सारिणी
हालाँकि सटीक तिथियाँ हर वर्ष परीक्षा-शेड्यूल व मूल्यांकन-गति पर निर्भर करती हैं, फिर भी औसत समयरेखा कुछ इस प्रकार रहती है:
चरण | अनुमानित अंतराल (परिणाम-दिन से) | मुख्य गतिविधि |
---|---|---|
परिणाम + 0 दिन | मुख्य सूची तथा रिपोर्टिंग तिथियाँ घोषित | |
परिणाम + 7 दिन | मुख्य सूची छात्रों का रिपोर्टिंग डेडलाइन | |
परिणाम + 8-12 दिन | सभी जिलों से वास्तविक रिक्त सीटों की रिपोर्ट | |
परिणाम + 13-15 दिन | द्वितीय सूची तैयार एवं वेबसाइट पर अपलोड | |
परिणाम + 15-20 दिन | द्वितीय सूची अभ्यर्थियों का दस्तावेज़-सत्यापन |
यह तालिका केवल संकेत देती है; क्षेत्रीय कार्यालय परिस्थितियों के अनुसार तिथियाँ आगे-पीछे कर सकते हैं।
4. द्वितीय सूची में चयन के दस मुख्य आधार
4.1 रिक्त सीटों का सटीक निर्धारण
द्वितीय सूची का अंकगणित रिक्ति-संख्या पर टिकता है। रिक्तियाँ तीन वजह से बनती हैं:
- रिपोर्ट न करने वाले विद्यार्थी
- दस्तावेज़ या आयु-अंतर शर्त पूरी न होने से निरस्त मामले
- प्रवेश अस्वीकार करके अन्य विद्यालय चुनने वाले छात्र
एक-एक सीट का ब्यौरा जिला-स्तर पर समेकित होकर क्षेत्रीय कार्यालय और फिर केंद्रीय मुख्यालय को भेजा जाता है। जब तक यह पुष्टिकरण नहीं मिलता, दूसरी सूची जारी नहीं की जाती।
4.2 अंक व मूल मेरिट-क्रम
प्रत्येक परीक्षार्थी पहले ही रॉ स्कोर के आधार पर एक अखिल भारतीय रैंक पा चुका होता है। द्वितीय सूची उसी प्राथमिक रैंकिंग को मानती है; नया कट-ऑफ़ तय नहीं होता बल्कि उसी मेरिट-लाइन से अगला क्रम उठाया जाता है। दूसरे शब्दों में, मूल मेरिट ही चयन-सीढ़ी का पहला डंडा है।
4.3 आरक्षण नीति
Navodaya में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी), दिव्यांग श्रेणी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये आरक्षित सीटें निश्चित प्रतिशत में तय हैं। द्वितीय सूची बनाते समय भी यही अनुपात यथावत रखा जाता है। यदि किसी श्रेणी की सीट मुख्य सूची से पूरी नहीं भर पायी हों, तो उसी श्रेणी के प्रतीक्षा-अभ्यर्थी वरीयता पाते हैं।
4.4 ग्रामीण-शहरी कोटा
Navodaya का जनादेश कहता है कि कम-से-कम 75 प्रतिशत सीटें ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले बच्चों के लिये आरक्षित रहें। जब दूसरी सूची बनती है, तो पहले यह जाँचा जाता है कि क्या ग्रामीण कोटा अभी भी अधूरा है। यदि हाँ, तो ग्रामीण स्कूल में पढ़ने वाले अभ्यर्थी, चाहे वे सामान्य श्रेणी के हों, शहरी अभ्यर्थियों से आगे रखे जाते हैं।
4.5 लिंग संतुलन
प्रत्येक विद्यालय में एक-तिहाई सीटें बालिकाओं के लिये आरक्षित हैं। यदि मुख्य सूची के पश्चात लड़की-सीटें खाली हों, तो द्वितीय सूची में उसी अनुपात से बालिकाओं को तरजीह दी जाती है, भले ही उनके अंक लड़कों से थोड़े कम क्यों न हों।
4.6 जिला-वार आवंटन
Navodaya मॉडल “एक जिला-एक विद्यालय” पर आधारित है। द्वितीय सूची तैयार करते वक़्त प्राथमिकता क्रम में पहले उसी जिले के प्रतीक्षा-अभ्यर्थी लिये जाते हैं जिसमें रिक्ति बनी है। किसी अन्य जिले के छात्र को तभी चुना जाता है जब मूल जिले में कोई उपयुक्त उम्मीदवार न हो।
4.7 दस्तावेज़-सत्यापन पूर्वानुमान
द्वितीय सूची में वही नाम शामिल किये जाते हैं जिनके दस्तावेज़ पहले-ही निरीक्षण में संदेह-मुक्त पाये गये थे। यदि आपके आवेदन-फ़ॉर्म में जन्म प्रमाणपत्र या जाति प्रमाणपत्र संदिग्ध पाया गया हो तो आपका नाम द्वितीय सूची से स्वतः कट सकता है, चाहे अंक ऊँचे ही क्यों न हों।
4.8 आयु और पात्रता सीमा
Navodaya की आयु-सीमा अक्षर-शः लागू होती है। उदाहरण के लिये कक्षा 6 प्रवेश के लिये 1 मई 2013 से 30 अप्रैल 2017 के बीच जन्म होना आवश्यक है। मेरिट के बाद यह दूसरी बाधा है। आयु में एक भी दिन का अंतर मिला तो द्वितीय सूची में नाम आने की संभावना शून्य हो जाती है।
4.9 मेडिकल फिटनेस की अनुमानित स्वीकृति
चूँकि द्वितीय सूची का समय कम रहता है, Samiti प्री-स्क्रीनिंग में यह देख लेती है कि आवेदक ने “फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने में सक्षम” बॉक्स टिक किया है या नहीं। जिन छात्रों ने प्रारंभिक आवेदन में मेडिकल सम्बन्धी असहमति जतायी थी, उन्हें द्वितीय सूची में विरले ही मौका मिलता है।
4.10 विकल्प अस्वीकार या दोहरी स्वीकृति
कई अभ्यर्थी सैनिक स्कूल, आश्रम पद्धति विद्यालय या राज्य स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय में भी चयनित हो जाते हैं। यदि उन्होंने फॉर्म में “Navodaya प्रवेश न लेने की स्थिति” वाला कॉलम भरा था, तो उनकी सीट तुरंत रिक्त मानकर अगले प्रतीक्षा क्रम में दे दी जाती है। यह फ्लैग द्वितीय सूची कम्पाइलर के लिये निर्णायक डेटा बनता है।
5. द्वितीय सूची तैयार होने की धारा-बद्ध प्रक्रिया
चरण 1: रिक्ति-सत्यापन
प्रत्येक JNV अपना रिक्त सीट आँकड़ा जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को भेजता है। DEO क्षेत्रीय कार्यालय को संकलित रिपोर्ट देता है।
चरण 2: डेटाबेस फ़िल्टरिंग
केंद्रीय सर्वर पर मूल मेरिट-फ़ाइल को फ़िल्टर किया जाता है – जिला, श्रेणी, लिंग, ग्रामीण-शहरी टैग आदि से।
चरण 3: अंक-आधारित क्रम
रिक्त सीट संख्या × श्रेणी अनुपात के अनुसार ऊपर से क्रम निकाल लिये जाते हैं।
चरण 4: प्रावधिक सूची
यह सूची अभी अंदरूनी होती है। संबंधित विद्यालयों को भेजी जाती है ताकि वे दस्तावेज़-पूर्वावलोकन करें।
चरण 5: अंतिम पुष्टि
यदि कोई नाम चिकित्सा या आयु के कारण हटाना पड़े तो तुरंत अगले क्रम को जगह दे दी जाती है।
चरण 6: सार्वजनिक प्रकाशन
navodaya.gov.in, आठों क्षेत्रीय वेबसाइटें तथा संबंधित जिलों की माइक्रो-साइट पर PDF अपलोड कर दी जाती है। यही दस्तावेज़ “2nd List” कहलाता है।
6. द्वितीय सूची में नाम आने पर अभ्यर्थी क्या करें?
- कॉल-लेटर डाउनलोड कर प्रिंट लें; उस पर अंकित तिथि अंतिम सीमा होती है।
- सभी मूल प्रमाणपत्र और दो सेट स्व-सत्यापित कॉपी एक फ़ोल्डर में रखें।
- विद्यालय पहुँचने का रेल या बस टिकट तुरन्त बुक करें—समय कम रहता है।
- मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट पहले से बनवा लें ताकि विद्यालय में देर न हो।
- शुल्क (यदि कोई) का डिमांड ड्राफ्ट या ऑनलाइन भुगतान रसीद तैयार रखें।
- यदि किसी कारण स्वयं उपस्थित नहीं हो पा रहे तो अभिभावक को अधिकृत पत्र दें।
7. द्वितीय सूची से संबंधित अक्सर पूछे प्रश्न
प्रश्न 1: द्वितीय सूची से भी नाम न आये तो क्या तीसरी सूची बनती है?
उत्तर: सामान्य परिस्थितियों में नहीं; पर यदि किसी विशेष जिले में बहुत-सी सीटें फिर भी खाली रह जायें तो “Spot Admission” या “Third Round” जैसी प्रक्रिया हो सकती है।
प्रश्न 2: क्या द्वितीय सूची की कट-ऑफ़ अलग होती है?
उत्तर: कट-ऑफ़ पुनः निर्धारित नहीं होती; वही मूल मेरिट क्रम चलता है। अंतर केवल इतना है कि क्रम संख्या आगे बढ़ जाती है।
प्रश्न 3: यदि मेरी श्रेणी-सीट भर चुकी हो पर सामान्य सीट खाली हो, तो क्या मैं सामान्य कोटे से चुना जा सकता हूँ?
उत्तर: Yes, पर यह तभी होगा जब आपका स्कोर सामान्य कोटे के अगले पात्र अभ्यर्थी से अधिक या बराबर हो।
प्रश्न 4: क्या द्वितीय सूची वाले विद्यार्थियों के साथ पाठ्यक्रम छूट का नुकसान होता है?
उत्तर: विद्यालय आरंभिक दो-तीन सप्ताह का पाठ दुबारा दोहराता है। साथ ही ब्रिज-कोर्स नोट्स दिये जाते हैं। अतः शैक्षणिक नुकसान न्यूनतम रहता है।
8. रणनीतियाँ जो चयन संभावना बढ़ा सकती हैं
- दस्तावेज़ों को फॉर्म भरने के समय से ही शुद्ध-स्वच्छ रखें; कोई संदेह न रहने दें।
- प्रारंभिक आवेदन में जिस मोबाइल नंबर व ई-मेल का प्रयोग किया है उसे सक्रिय रखें; द्वितीय सूची का SMS तत्काल पहुँचता है।
- navodayatrick.com पर “Instant Wait-List Alert” सेवा निशुल्क उपलब्ध है; इससे समय बचता है।
- यदि आप ग्रामीण कोटा के योग्य हैं तो स्कूल प्रमाणपत्र में “Gramin” टैग स्पष्ट रूप से अंकित करवाएँ।
- आगे बढ़कर शिक्षक या कोचिंग-गाइड से सलाह लें ताकि मेडिकल और आयु संबंधित पेचिदगियों का समाधान पहले ही हो जाये।
9. सांख्यिकीय दृष्टि से द्वितीय सूची का प्रभाव
शैक्षणिक वर्ष | मुख्य सूची से रिपोर्ट न करने वाले (%) | द्वितीय सूची से भरी सीटें | द्वितीय सूची में औसत कट-ऑफ़ घटाव (अंक) |
---|---|---|---|
2021-22 | 6.1 | 7 240 | 3-5 |
2022-23 | 5.8 | 6 980 | 4-6 |
2023-24 | 6.3 | 7 410 | 4-7 |
2024-25 | 6.5 | 7 860 | 5-7 |
सूत्र: NVS वार्षिक प्रतिवेदन एवं navodayatrick.com का स्वत्रंत्र विश्लेषण।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि प्रत्येक वर्ष लगभग छह प्रतिशत सीटें मुख्य सूची से खाली रह जाती हैं, जिन्हें द्वितीय सूची भर देती है।
10. निष्कर्ष
Navodaya की द्वितीय सूची कोई “रहस्यमयी” प्रक्रिया नहीं, बल्कि पारदर्शी, डेटा-प्रेरित सिस्टम है जो रिक्त सीटों को न्यायसंगत ढंग से भरने के लिये बनाया गया है। चयन का मूलाधार वही पाँच स्तम्भ हैं—अंक, श्रेणी, जिला, ग्रामीण-शहरी अनुपात और लिंग संतुलन। यदि आप इन मापदण्डों पर खरे उतरते हैं, आपके दस्तावेज़ सही हैं और आपने आवेदन-फॉर्म में किसी जानकारी को अधूरा नहीं छोड़ा, तो द्वितीय सूची में मौका मिलने की प्रबल संभावना रहती है।
समय पर अपडेट पाते रहने के लिये navodayatrick.com नियमित देखें, SMS-ई-मेल अलर्ट चालू रखें और दस्तावेज़ों का फ़ोल्डर हमेशा तैयार रखें। याद रखिये, सफलता मात्र अंक से नहीं, सतर्कता और समय-पालन से भी मिलती है। द्वितीय सूची आपके सपनों के आवासीय विद्यालय का द्वार खोलती है—उस अवसर को हाथ से न जाने दें।
शुभकामनाएँ!
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