सैनिक स्कूल में एडमिशन के बाद क्या करें? पूरी गाइडलाइन नए छात्रों के लिए
सैनिक स्कूल में एडमिशन मिलना किसी भी विद्यार्थी और उसके परिवार के लिए गर्व का विषय होता है। कड़ी प्रतिस्पर्धा, कठिन परीक्षा और मेडिकल जांच के बाद जब छात्र का नाम फाइनल लिस्ट में आता है, तो वह एक नई शुरुआत होती है। लेकिन अब सवाल उठता है कि सैनिक स्कूल में एडमिशन के बाद क्या करना चाहिए?
इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि सैनिक स्कूल में दाखिला मिलने के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, किस तरह की तैयारी करनी चाहिए, कौन से दस्तावेज़ पूरे रखने होते हैं, और कैसे विद्यार्थी अपने पहले दिन से ही सफलता की राह पर आगे बढ़ सकते हैं।

1. सबसे पहले दस्तावेज़ों की तैयारी पूरी करें
फाइनल मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद स्कूल की तरफ से एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होती है। इस समय कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ स्कूल में जमा कराने होते हैं। सभी अभिभावकों को चाहिए कि वे निम्नलिखित दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें:
- बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र)
- आधार कार्ड (छात्र और अभिभावक दोनों का)
- कास्ट सर्टिफिकेट (अगर SC/ST/OBC कोटा से चयन हुआ हो)
- डोमिसाइल सर्टिफिकेट (राज्य का निवासी प्रमाण पत्र)
- पूर्व सैनिक प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
- 6 से 10 पासपोर्ट साइज फोटो
- मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
- टीकाकरण प्रमाण पत्र
- स्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC) पिछले स्कूल से
इन दस्तावेज़ों को ओरिजिनल और ज़ेरॉक्स कॉपी दोनों में लेकर जाना होता है। बेहतर रहेगा कि आप एक फोल्डर में सभी दस्तावेज़ क्रम से लगाकर रखें।
2. यूनिफॉर्म और आवश्यक सामान की तैयारी करें
सैनिक स्कूल में सख्त ड्रेस कोड होता है। वहां अलग-अलग मौकों के लिए यूनिफॉर्म तय होती है — जैसे क्लास ड्रेस, पीटी ड्रेस, सेरेमोनियल ड्रेस इत्यादि।
सामान की सूची:
- कम से कम 3 सेट यूनिफॉर्म (स्कूल द्वारा निर्धारित रंग और पैटर्न में)
- 2 जोड़ी स्पोर्ट्स ड्रेस
- 2 जोड़ी ब्लैक स्कूल शूज़ और 1 जोड़ी स्पोर्ट्स शूज़
- अंडरगारमेंट्स (पर्याप्त संख्या में)
- शौचालय सामग्री (टॉवल, टूथब्रश, साबुन, तेल आदि)
- बिस्तर का सामान (चादर, तकिया, कंबल)
- स्टील की बाल्टी, मग और टिफिन बॉक्स
- स्टेशनरी का सामान (कॉपी, पेन, पेंसिल, स्केल आदि)
- व्यक्तिगत पहचान लेबल (हर वस्तु पर छात्र का नाम लिखा हो)
स्कूल के शुरू होने से पहले स्कूल प्रशासन द्वारा सामान की सूची दी जाती है, उसका पूरी तरह पालन करें।
3. मानसिक और शारीरिक तैयारी करें
सैनिक स्कूल की दिनचर्या आम स्कूलों से बिल्कुल अलग होती है। यहां छात्रों को अनुशासन, समय पर उठना, शारीरिक व्यायाम, खेल-कूद, परेड और पढ़ाई सभी में संतुलन बनाए रखना होता है।
दिनचर्या में शामिल होती हैं:
- सुबह 5 बजे उठना
- शारीरिक व्यायाम और पीटी
- दिनभर की नियमित क्लासेस
- खेल का समय (शाम को)
- होमवर्क और स्टडी टाइम
- रात का भोजन और सोने का समय निर्धारित
इसलिए एडमिशन के बाद घर पर ही छात्र को थोड़ी-बहुत प्रैक्टिस करवाएं ताकि जब स्कूल में जाए तो वह उस रूटीन से घबराए नहीं।
4. भावनात्मक तैयारी भी ज़रूरी है
अधिकतर सैनिक स्कूल आवासीय (Hostel based) होते हैं। बच्चे पहली बार घर से दूर जाते हैं। ऐसे में भावनात्मक तैयारी बहुत ज़रूरी है — खासकर छोटे बच्चों के लिए।
- बच्चे को आत्मनिर्भर बनाएं: खुद कपड़े पहनना, अपना बैग पैक करना, चीज़ें संभालकर रखना
- उससे खुलकर बात करें: अगर वह डरा हुआ है तो उसे समझाएं कि यह अनुभव उसे ज़िंदगी में आगे ले जाएगा
- स्कूल के नियमों को सकारात्मक तरीके से समझाएं
5. स्कूल के नियमों को समझें
सैनिक स्कूलों में अनुशासन का स्तर बहुत ऊँचा होता है। छात्रों को हर कार्य समय पर और निर्धारित तरीके से करना होता है। निम्नलिखित चीज़ें प्रतिबंधित होती हैं:
- मोबाइल फोन (छात्रों के लिए पूर्णतः प्रतिबंधित)
- पैसे (बिना अनुमति पैसे रखना मना है)
- कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
- बाहरी खानपान
यदि कोई छात्र नियम तोड़ता है, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। इसलिए अभिभावकों को भी चाहिए कि वे स्कूल के नियमों का पालन करें और बच्चों को भी उसी के अनुरूप ढालें।
6. पढ़ाई की योजना बनाएँ
सैनिक स्कूलों में शिक्षा का स्तर काफी उच्च होता है। वहाँ की कक्षा 6 और 9 से ही छात्रों को NDA और रक्षा सेवाओं के लिए तैयार किया जाता है। इसलिए पढ़ाई को कभी हल्के में न लें।
- दैनिक होमवर्क समय पर पूरा करें
- सभी विषयों में फोकस बनाए रखें — खासकर गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी
- अतिरिक्त ज्ञान के लिए पुस्तकालय का उपयोग करें
- सीनियर्स और अध्यापकों से मार्गदर्शन लें
7. खेल और अन्य गतिविधियों में भाग लें
सैनिक स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी बहुत महत्व दिया जाता है। यह छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए ज़रूरी होता है।
- हर छात्र को कम से कम एक खेल में भाग लेना चाहिए (जैसे – फुटबॉल, हॉकी, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स आदि)
- एनसीसी (NCC) में भाग लेने का मौका मिलता है
- डिबेट, क्विज़, निबंध लेखन, ड्रामा आदि में भागीदारी
इन सबका सकारात्मक असर छात्र के आत्मविश्वास पर पड़ता है।
8. अभिभावक क्या करें?
- बच्चे से नियमित पत्र या स्कूल निर्धारित माध्यम से संपर्क बनाए रखें
- स्कूल के आयोजनों में हिस्सा लें (Parent-Teacher Meeting, Annual Day आदि)
- स्कूल से कोई सूचना मिले तो समय पर प्रतिक्रिया दें
- छात्र के प्रदर्शन की रिपोर्ट को गंभीरता से लें
निष्कर्ष
सैनिक स्कूल में एडमिशन मिलना सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नए जीवन की शुरुआत है। यहाँ के वातावरण में छात्र को नेतृत्व, अनुशासन, आत्मनिर्भरता और देशभक्ति जैसे मूल्यों के साथ जीवन जीना सिखाया जाता है।
इसलिए जैसे ही आपके बच्चे का एडमिशन होता है, आप उसके साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि वह हर स्तर पर तैयार हो — शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से, और भावनात्मक रूप से।
हर कदम पर उसे प्रोत्साहन दें और समझाएं कि वह एक खास मिशन का हिस्सा बना है।
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