सैनिक स्कूल रिजल्ट – चयन प्रक्रिया क्या है?
सैनिक स्कूल भारत के प्रतिष्ठित विद्यालयों में से एक हैं, जहाँ बच्चों को न केवल अच्छी शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें एक अनुशासित और राष्ट्रभक्त वातावरण में सेना की तैयारी के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है। हर साल लाखों छात्र सैनिक स्कूलों में प्रवेश लेने का सपना देखते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही इस कठिन चयन प्रक्रिया में सफल हो पाते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सैनिक स्कूल रिजल्ट कैसे जारी होता है, और चयन प्रक्रिया किस तरह से होती है। यह जानकारी खासतौर से उनके लिए उपयोगी है जो पहली बार आवेदन कर रहे हैं या जिनके बच्चों का चयन इस साल संभव हो सकता है।

सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा का उद्देश्य
सैनिक स्कूलों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के लिए भावी लीडर्स तैयार करना है। यहाँ छात्र न केवल अकादमिक ज्ञान प्राप्त करते हैं बल्कि खेल, अनुशासन, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व गुणों में भी निपुण बनाए जाते हैं। इसलिए, इन स्कूलों की चयन प्रक्रिया सामान्य स्कूलों से अलग होती है।
सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) क्या है?
AISSEE का पूरा नाम है All India Sainik School Entrance Examination। यह परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा हर वर्ष आयोजित की जाती है। इसके माध्यम से भारत भर के सैनिक स्कूलों में कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश दिया जाता है।
परीक्षा आमतौर पर जनवरी के महीने में होती है और इसका परिणाम कुछ सप्ताह बाद घोषित किया जाता है।
सैनिक स्कूल रिजल्ट कैसे जारी होता है?
सैनिक स्कूल रिजल्ट को ऑनलाइन माध्यम से जारी किया जाता है। छात्र और अभिभावक नीचे दिए गए चरणों का पालन करके परिणाम देख सकते हैं:
- NTA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ – https://aissee.nta.nic.in
- होमपेज पर “AISSEE Result” लिंक पर क्लिक करें।
- मांगी गई जानकारी भरें – जैसे एप्लिकेशन नंबर और जन्मतिथि।
- आपका रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाई देगा। इसे डाउनलोड या प्रिंट भी कर सकते हैं।
रिजल्ट में विद्यार्थी का स्कोर, ऑल इंडिया रैंक और कट-ऑफ अंक शामिल होते हैं।
सैनिक स्कूल चयन प्रक्रिया – चरण दर चरण
सैनिक स्कूल की चयन प्रक्रिया कुल मिलाकर तीन चरणों में पूरी होती है:
चरण 1: लिखित परीक्षा (AISSEE)
- कक्षा 6 के लिए परीक्षा में गणित, भाषा, बुद्धिमत्ता और सामान्य ज्ञान शामिल होते हैं।
- कक्षा 9 के लिए परीक्षा में गणित, अंग्रेज़ी, बुद्धिमत्ता, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान होते हैं।
- यह परीक्षा ओएमआर शीट पर होती है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं।
- प्रत्येक विषय के लिए निर्धारित अंक होते हैं और कुछ विषयों में न्यूनतम कट-ऑफ भी लागू होती है।
चरण 2: मेडिकल टेस्ट
जो छात्र लिखित परीक्षा में चयनित होते हैं, उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से फिट है या नहीं।
मेडिकल टेस्ट में निम्नलिखित चीजें देखी जाती हैं:
- आंखों की रोशनी (दृष्टि दोष न हो)
- सुनने की क्षमता
- कोई पुराना रोग या विकलांगता
- हड्डियों या शरीर की बनावट में असामान्यता
- बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का सही अनुपात
यदि कोई छात्र मेडिकल में अनफिट पाया जाता है, तो उसे अंतिम मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया जाता, चाहे उसका लिखित स्कोर बहुत अच्छा क्यों न हो।
चरण 3: फाइनल मेरिट लिस्ट
मेडिकल में सफल छात्रों की फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। यह लिस्ट छात्रों के लिखित परीक्षा के अंक और मेडिकल टेस्ट के आधार पर तैयार की जाती है। इसमें राज्यवार और श्रेणीवार (General, OBC, SC, ST, Defence आदि) आरक्षण भी लागू होता है।
फाइनल मेरिट लिस्ट सैनिक स्कूल की वेबसाइट पर जारी की जाती है, और चयनित छात्रों को प्रवेश के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ बुलाया जाता है।
सैनिक स्कूल में चयन के लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यता
- लिखित परीक्षा में न्यूनतम 25% अंक प्रत्येक विषय में और कुल मिलाकर 40% अंक प्राप्त करने आवश्यक होते हैं (सामान्य नियम)।
- आरक्षित श्रेणियों के लिए न्यूनतम अंकों में कुछ छूट मिल सकती है।
- फिजिकल और मेडिकल टेस्ट में पूरी तरह फिट होना अनिवार्य है।
दस्तावेज़ सत्यापन
फाइनल मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद छात्रों को कुछ आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होते हैं:
- जन्म प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- ट्रांसफर सर्टिफिकेट (पुराने स्कूल से)
- मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल से)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड की प्रति
यह दस्तावेज़ सत्यापन सैनिक स्कूल के कार्यालय में जाकर या कभी-कभी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी किया जा सकता है।
सैनिक स्कूल रिजल्ट में आरक्षण नीति
सरकार द्वारा तय आरक्षण नीति के अनुसार, सैनिक स्कूलों में आरक्षित वर्गों के लिए सीटें सुरक्षित रखी जाती हैं:
- OBC (NCL) – 27%
- SC – 15%
- ST – 7.5%
- Defence Category – बच्चों के माता-पिता अगर सेना में हैं या रिटायर्ड हैं, तो उन्हें वरीयता मिलती है।
- Home State Quota – स्कूल के राज्य के बच्चों को प्राथमिकता मिलती है।
यह सभी आरक्षण सीटों की संख्या के अनुसार लागू किया जाता है।
सैनिक स्कूल रिजल्ट के बाद क्या करें?
- रिजल्ट देखने के तुरंत बाद मेडिकल टेस्ट की तैयारी शुरू करें।
- बच्चे की हेल्थ का चेकअप निजी डॉक्टर से करवाएँ, ताकि यदि कोई कमी हो तो समय रहते उसका समाधान किया जा सके।
- दस्तावेज़ों को पहले से तैयार रखें।
- सैनिक स्कूल की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट चेक करते रहें।
- चयन हो जाने के बाद एडमिशन प्रक्रिया को समय पर पूरा करें।
अगर चयन नहीं हुआ तो क्या करें?
सैनिक स्कूल में चयन न होने का मतलब यह नहीं कि बच्चे में क्षमता नहीं है। यह एक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है और हर साल लाखों छात्र इसका हिस्सा बनते हैं। अगर चयन नहीं होता है, तो:
- अगले वर्ष फिर से प्रयास करें।
- अन्य समान शैक्षणिक संस्थानों जैसे आरएमएस (Rashtriya Military School), गुरुकुल स्कूल्स, आर्मी पब्लिक स्कूल, आदि में भी आवेदन करें।
- नियमित रूप से अभ्यास जारी रखें – गणित, रीजनिंग, करंट अफेयर्स जैसे विषयों पर काम करें।
- navodayatrick.com जैसे प्लेटफॉर्म से फ्री स्टडी मटेरियल और मॉक टेस्ट का लाभ उठाएं।
निष्कर्ष
सैनिक स्कूल रिजल्ट केवल एक अंक पत्र नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सपने की पहली सीढ़ी है। जिन छात्रों का चयन होता है, वे अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति के रास्ते पर कदम रखते हैं। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, ईमानदार और कड़ी मेहनत पर आधारित होती है।
अगर आपका या आपके बच्चे का लक्ष्य सैनिक स्कूल में प्रवेश पाना है, तो इस चयन प्रक्रिया को पूरी तरह समझना और हर चरण के लिए स्वयं को तैयार करना बहुत जरूरी है। उम्मीद है यह लेख आपको सैनिक स्कूल की चयन प्रक्रिया के हर पहलू को समझने में मदद करेगा।
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