सैनिक स्कूल का रिजल्ट कैसे फाइनल होता है?
सैनिक स्कूल में दाखिला पाना एक बड़ी उपलब्धि होती है, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह समझना है कि इसका परिणाम (Result) आखिर फाइनल कैसे होता है? बहुत सारे छात्र AISSEE परीक्षा पास कर लेते हैं, लेकिन फिर भी उनका नाम फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं आता। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि सैनिक स्कूल का फाइनल रिजल्ट कैसे तय होता है, इसमें कौन-कौन सी प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, और किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।
1. AISSEE परीक्षा – पहली सीढ़ी
सबसे पहले छात्र AISSEE (All India Sainik School Entrance Exam) देते हैं। यह परीक्षा हर साल जनवरी में आयोजित होती है और इसका आयोजन NTA (National Testing Agency) द्वारा किया जाता है।
कक्षा 6 के लिए:
- कुल अंक: 300
- विषय: गणित, बुद्धिमत्ता, भाषा, सामान्य ज्ञान
कक्षा 9 के लिए:
- कुल अंक: 400
- विषय: गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, बुद्धिमत्ता
👉 इस परीक्षा में सफल होने के लिए कुछ न्यूनतम अंक ज़रूरी होते हैं:
- हर विषय में 25% और कुल मिलाकर 40% अंक (General, OBC, Defence)
- SC/ST छात्रों के लिए कोई न्यूनतम कट-ऑफ नहीं, लेकिन मेरिट के अनुसार चयन होता है।
2. Answer Key और Response Sheet का प्रकाशन
AISSEE परीक्षा के कुछ दिनों बाद NTA:
- Answer Key (उत्तर कुंजी) जारी करता है
- साथ ही, हर छात्र की Response Sheet भी उपलब्ध कराई जाती है
इससे छात्र अपने अंकों का अनुमान खुद लगा सकते हैं और जान सकते हैं कि उन्होंने कितने उत्तर सही दिए।
3. प्रोविजनल स्कोर और परिणाम घोषित होता है
NTA द्वारा मूल्यांकन के बाद, प्रत्येक छात्र का स्कोर कार्ड जारी किया जाता है। इसमें:
- विषयवार अंक
- कुल प्राप्तांक
- क्वालिफाइड या नॉन-क्वालिफाइड की स्थिति
Note: ये केवल परीक्षा के अंक होते हैं, यह फाइनल रिजल्ट नहीं होता। ये सिर्फ बताते हैं कि आपने लिखित परीक्षा क्वालिफाई की या नहीं।
4. काउंसलिंग प्रक्रिया और विकल्प चयन (e-Counselling)
अब बात आती है असली रिजल्ट की। AISSEE पास करने के बाद छात्र को सैनिक स्कूल सोसाइटी की e-Counselling पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है।
इस चरण में:
- छात्र अपने पसंदीदा स्कूलों को प्राथमिकता के अनुसार चुनते हैं
- यह प्रक्रिया ऑनलाइन होती है
- सीटों की उपलब्धता, कैटेगरी, राज्य कोटा, रैंक आदि के आधार पर स्कूल अलॉटमेंट होता है
👉 जो छात्र अधिक अंक लाते हैं, उन्हें पसंद का स्कूल जल्दी मिल जाता है।
5. फिजिकल और मेडिकल टेस्ट – सबसे निर्णायक चरण
स्कूल अलॉटमेंट के बाद, छात्र को मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाता है।
इसमें जांचे जाते हैं:
- आंखों की रोशनी
- हड्डियों की स्थिति
- शरीर का वजन और लंबाई
- सामान्य शारीरिक स्वास्थ्य
अगर कोई छात्र मेडिकल टेस्ट में अनफिट पाया जाता है, तो उसका चयन रद्द हो जाता है, चाहे उसके कितने भी अंक हों।
6. फाइनल मेरिट लिस्ट – चयन की अंतिम सूची
जो छात्र:
- AISSEE लिखित परीक्षा में सफल होते हैं
- e-Counselling के माध्यम से स्कूल अलॉटमेंट पाते हैं
- मेडिकल टेस्ट में फिट पाए जाते हैं
उन सभी का नाम फाइनल मेरिट लिस्ट में आता है। यह मेरिट लिस्ट स्कूलवार और कैटेगरीवार जारी की जाती है।
7. वेटिंग लिस्ट की भी होती है भूमिका
बहुत बार ऐसा होता है कि कोई छात्र:
- चयनित होने के बावजूद दाखिला नहीं लेता
- मेडिकल टेस्ट में फेल हो जाता है
- डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में अयोग्य पाया जाता है
ऐसी स्थिति में वेटिंग लिस्ट के छात्र बुलाए जाते हैं।
इसलिए जिन छात्रों का नाम वेटिंग में होता है, उनके लिए भी उम्मीद बनी रहती है।
8. फाइनल एडमिशन तभी होता है जब…
- छात्र ने AISSEE पास किया हो
- e-Counselling में स्कूल अलॉट हुआ हो
- मेडिकल टेस्ट में फिट हो
- सभी डॉक्यूमेंट सही हों
- तय समय सीमा के भीतर स्कूल में रिपोर्ट किया हो
इन सभी शर्तों के पूरा होने पर ही फाइनल एडमिशन होता है।
निष्कर्ष: सैनिक स्कूल का फाइनल रिजल्ट सिर्फ नंबरों से नहीं तय होता
सैनिक स्कूल में दाखिले का रिजल्ट एक तीन चरणीय प्रक्रिया के आधार पर तय होता है:
- लिखित परीक्षा (AISSEE)
- e-Counselling और स्कूल अलॉटमेंट
- मेडिकल फिटनेस और दस्तावेज़ जांच
हर चरण में पूरी पारदर्शिता और नियमों का पालन होता है। इसलिए यदि आप सैनिक स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं, तो सिर्फ परीक्षा पास करने पर न रुकें – पूरी प्रक्रिया को समझें और हर स्तर पर खुद को तैयार रखें।
अपडेट्स के लिए कहां देखें?
सैनिक स्कूल रिजल्ट, वेटिंग लिस्ट, मेडिकल लिस्ट और स्कूल अलॉटमेंट से संबंधित हर अपडेट के लिए navodayatrick.com वेबसाइट को नियमित रूप से देखें। यहां पर सभी जरूरी सूचनाएं समय पर, सरल भाषा में उपलब्ध होती हैं।
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