Navodaya 2025: इतने लाख बच्चों के फॉर्म क्यों हुए रिजेक्ट?
हर साल लाखों बच्चे नवोदय विद्यालय समिति द्वारा आयोजित होने वाली कक्षा 6वीं और 9वीं की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। यह परीक्षा ग्रामीण भारत के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा का अवसर देती है, इसलिए इसमें भाग लेने वालों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। लेकिन 2025 के एडमिशन फॉर्म के दौरान एक हैरान कर देने वाली बात सामने आई – लाखों बच्चों के फॉर्म रिजेक्ट कर दिए गए। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इतने बच्चों के फॉर्म क्यों रिजेक्ट हुए? क्या इसकी वजह बच्चों की गलती थी या प्रक्रिया में कोई खामी थी?
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Navodaya 2025 में इतने लाख बच्चों के फॉर्म रिजेक्ट क्यों हुए, किन-किन कारणों से रिजेक्शन हुआ, कैसे इससे बचा जा सकता था, और आगे आने वाले वर्षों में किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

1. लाखों फॉर्म रिजेक्ट होने की असली वजह क्या है?
नवोदय विद्यालय समिति ने 2025 में क्लास 6 के लिए आवेदन फॉर्म ऑनलाइन मंगवाए थे। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, लगभग 35 लाख बच्चों ने आवेदन किया था, लेकिन उनमें से लगभग 4 से 5 लाख फॉर्म रिजेक्ट कर दिए गए। यह आंकड़ा बहुत बड़ा है, और चिंता का विषय भी।
रिजेक्शन की मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:
- जन्मतिथि में गलती या नियम के बाहर होना
- डाक्यूमेंट्स का अपलोड न होना या गलत दस्तावेज़ लगाना
- फॉर्म को अंतिम रूप से सबमिट न करना
- स्कूल के सही विवरण का न होना
- ग्रामीण क्षेत्र की पात्रता प्रमाणित न कर पाना
- एक से अधिक आवेदन करना
2. जन्मतिथि को लेकर सबसे ज्यादा गलती
Navodaya Class 6 में आवेदन के लिए जो उम्र सीमा तय की गई थी, वह थी –
1 मई 2013 से 31 जुलाई 2015 के बीच जन्म होना चाहिए।
कई अभिभावकों और छात्रों ने जल्दबाज़ी में या जानकारी के अभाव में गलत जन्मतिथि दर्ज कर दी, या ऐसी जन्मतिथि डाली जो तय मानकों के बाहर थी। इसके कारण कई फॉर्म बिना किसी सूचना के रिजेक्ट कर दिए गए।
यह भी पाया गया कि कुछ बच्चों की जन्मतिथि सही थी, लेकिन प्रमाणपत्र में वह तारीख सही से नहीं लिखी थी या अस्पष्ट स्कैनिंग के कारण पढ़ने लायक नहीं थी।
3. दस्तावेजों की अपलोडिंग में लापरवाही
ऑनलाइन फॉर्म भरते समय बच्चों को आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र और स्कूल का प्रमाणपत्र स्कैन कर अपलोड करना होता है।
लेकिन बहुत सारे मामलों में यह पाया गया कि –
- दस्तावेज धुंधले स्कैन किए गए थे
- गलत फॉर्मेट में अपलोड हुए थे (जैसे PDF की जगह फोटो)
- आधार कार्ड की जगह राशन कार्ड या कोई और डॉक्यूमेंट लगा दिया गया
- जन्म प्रमाणपत्र की स्कैनिंग में नाम या तारीख साफ नहीं थी
इन्हीं सब कारणों से बड़ी संख्या में फॉर्म तकनीकी तौर पर अमान्य घोषित कर दिए गए।
4. फॉर्म अधूरा छोड़ देना
Navodaya के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में कई स्टेप्स होते हैं – जैसे रजिस्ट्रेशन, दस्तावेज अपलोडिंग, फाइनल सबमिशन और कन्फर्मेशन पेज डाउनलोड।
बहुत से अभिभावकों ने सिर्फ रजिस्ट्रेशन करके छोड़ दिया या दस्तावेज अपलोड करके फाइनल सबमिट नहीं किया। ऐसे फॉर्म “Incomplete Submission” की श्रेणी में आ गए और इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया।
5. ग्रामीण क्षेत्र की पात्रता साबित न कर पाना
नवोदय विद्यालयों की स्थापना ग्रामीण प्रतिभा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हुई है। इसलिए एक शर्त यह भी होती है कि बच्चा पिछले तीन सालों से ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल में पढ़ रहा हो।
लेकिन हजारों मामलों में –
- बच्चे शहरी स्कूल में पढ़ रहे थे
- या उनका सर्टिफिकेट यह प्रमाणित नहीं करता था कि स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में है
- या स्कूल ने गलत ब्लॉक या पंचायत का नाम दिया था
इन सबके कारण बच्चों की पात्रता नकार दी गई और फॉर्म रिजेक्ट हो गया।
6. दोहराव वाले आवेदन
कई बार अभिभावक यह सोचकर दो अलग-अलग नंबरों से फॉर्म भर देते हैं कि एक फॉर्म तो स्वीकार हो ही जाएगा।
लेकिन Navodaya की वेबसाइट पर सख्त निर्देश हैं कि एक बच्चा सिर्फ एक बार आवेदन कर सकता है। सिस्टम डुप्लिकेट फॉर्म्स को पकड़ लेता है और ऐसे सभी आवेदन स्वतः रद्द हो जाते हैं।
7. स्कूल का गलत विवरण भरना
आवेदन करते समय छात्र को अपने वर्तमान स्कूल की सही जानकारी भरनी होती है – जैसे स्कूल का नाम, पता, UDISE कोड आदि।
यह देखा गया कि कई बच्चों ने –
- स्कूल का गलत नाम डाला
- UDISE कोड छोड़ा या गलत डाला
- स्कूल के स्थान को लेकर भ्रमित हो गए
इन सब बातों से उनका फॉर्म तकनीकी रूप से अमान्य हो गया और रिजेक्ट कर दिया गया।
8. क्या इन रिजेक्ट बच्चों को दूसरा मौका मिलेगा?
यह सबसे बड़ा सवाल है जो हजारों अभिभावकों और छात्रों के मन में उठता है।
Navodaya Vidyalaya Samiti आम तौर पर गलत फॉर्म्स को दोबारा भरने का मौका नहीं देती। लेकिन यदि सामूहिक रूप से किसी जिले या राज्य में बड़ी संख्या में फॉर्म रिजेक्ट हुए हैं, और यह प्रशासनिक गलती मानी जाती है, तो दोबारा मौका दिया जा सकता है –
- री-ओपनिंग विंडो (जिसकी संभावना बहुत कम होती है)
- कोर्ट के माध्यम से न्यायिक दखल के बाद
- जिला शिक्षा अधिकारी की अनुशंसा पर विशेष केस में
इसलिए अभी तक जिन बच्चों के फॉर्म रिजेक्ट हो चुके हैं, उन्हें नया मौका मिलने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।
9. इस बार सबसे ज्यादा रिजेक्शन किन राज्यों से हुए?
अब तक की जानकारी के अनुसार, 2025 में सबसे ज्यादा रिजेक्ट फॉर्म्स इन राज्यों से सामने आए हैं:
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
- मध्य प्रदेश
- राजस्थान
- छत्तीसगढ़
- झारखंड
इन राज्यों में ग्रामीण बच्चों की संख्या बहुत अधिक है, और तकनीकी संसाधनों की कमी तथा जागरूकता की कमी के कारण गलत फॉर्म भरने की संभावना अधिक रहती है।
10. अभिभावकों की भूमिका और जागरूकता की कमी
Navodaya जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में बच्चों का दाखिला कराना हर माता-पिता का सपना होता है। लेकिन अगर सही जानकारी, दिशा-निर्देशों की अनदेखी और जल्दबाजी की जाए तो यह सपना अधूरा रह जाता है।
इस बार देखा गया कि कई अभिभावकों ने फॉर्म साइबर कैफे में बिना जांचे भरवा लिए। ना तो उन्होंने आवेदन की गाइडलाइन पढ़ी, और ना ही दस्तावेज़ों की जांच की।
11. भविष्य में क्या सावधानियां बरतें?
यदि आप भविष्य में अपने बच्चे का फॉर्म Navodaya Vidyalaya के लिए भरना चाहते हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें:
- आवेदन की गाइडलाइन को ध्यान से पढ़ें
- उम्र और योग्यता की शर्तों को समझें
- सभी दस्तावेज सही स्कैन करें और क्लियर कॉपी अपलोड करें
- आधार कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र में नाम व तारीख का मिलान करें
- स्कूल की जानकारी सही-सही भरें
- आवेदन को अंतिम रूप से सबमिट करना न भूलें
- पुष्टि पृष्ठ (Confirmation Page) डाउनलोड और सुरक्षित रखें
12. निष्कर्ष: ये गलती अब दोबारा नहीं होनी चाहिए
Navodaya 2025 में इतने लाख बच्चों के फॉर्म रिजेक्ट होना एक चौंकाने वाला लेकिन सिखाने वाला अनुभव है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ सपना देखने से कुछ नहीं होता, उसके लिए सही दिशा में कदम भी जरूरी हैं।
Navodaya जैसी संस्थाएं ग्रामीण बच्चों के लिए आशा की किरण हैं। लेकिन अगर फॉर्म भरने में लापरवाही बरती गई, तो बच्चे परीक्षा में बैठने से भी वंचित रह जाते हैं।
इसलिए यह जरूरी है कि स्कूल, अभिभावक और स्थानीय प्रशासन मिलकर ऐसे अभियानों को बेहतर दिशा दें, ताकि अगली बार कोई भी बच्चा सिर्फ एक छोटी-सी गलती की वजह से अपने भविष्य का मौका न गंवाए।
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Navodaya Second List 2025 – जल्द जारी होगी
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