Navodaya Exam में Cut Off कैसे तय होती है?

Navodaya Exam में Cut Off कैसे तय होती है?

Jawahar Navodaya Vidyalaya Selection Test (JNVST) भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षाओं में से एक है, जिसमें लाखों विद्यार्थी हर साल भाग लेते हैं। लेकिन जब परिणाम घोषित होते हैं, तो अधिकतर विद्यार्थियों के मन में एक सवाल उठता है — Cut Off आखिर तय कैसे होती है? यानी Navodaya Exam में जो न्यूनतम अंक चाहिए होते हैं, वे किस आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि Navodaya Exam की Cut Off कैसे तय की जाती है, किन कारणों से यह हर साल बदलती है और किन राज्यों की Cut Off सबसे ज्यादा रहती है।

Navodaya Exam में Cut Off कैसे तय होती है?
Navodaya Exam में Cut Off कैसे तय होती है?

1. Cut Off क्या होती है?

Cut Off का मतलब होता है – वह न्यूनतम अंक जो किसी विद्यार्थी को परीक्षा में चयन के लिए प्राप्त करने आवश्यक होते हैं।
Navodaya Vidyalaya में प्रवेश पाने के लिए JNVST में विद्यार्थियों को इस Cut Off से अधिक अंक लाने होते हैं। अगर किसी छात्र के अंक Cut Off से कम आते हैं, तो वह चयन सूची (Selection List) में नहीं आ पाता।

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उदाहरण के लिए, अगर किसी साल Class 6 के लिए Cut Off 85 अंक रही और किसी छात्र के 82 अंक आए, तो वह चयनित नहीं होगा। वहीं अगर किसी के 90 अंक आए, तो उसे चयन सूची में जगह मिल सकती है।

2. Cut Off तय करने की प्रक्रिया

Navodaya Exam की Cut Off एक सामान्य तरीके से नहीं बल्कि कई कारकों के आधार पर तय की जाती है। Navodaya Vidyalaya Samiti हर साल परीक्षा के बाद सभी जिलों और राज्यों का डेटा इकट्ठा करती है। उसके बाद निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार कर Cut Off तय की जाती है:

(a) परीक्षा की कठिनाई स्तर (Difficulty Level)

अगर किसी साल का पेपर आसान होता है, तो विद्यार्थियों के अंक ज्यादा आते हैं, और इस वजह से Cut Off भी बढ़ जाती है।
लेकिन अगर पेपर कठिन होता है, तो औसत अंक कम रहते हैं, और Cut Off घट जाती है।

(b) सीटों की संख्या (Number of Seats)

हर जिले में सीटों की संख्या सीमित होती है।
अगर सीटें ज्यादा हैं, तो Cut Off थोड़ी कम रहती है।
लेकिन अगर सीटें कम और अभ्यर्थी ज्यादा हैं, तो Cut Off अपने आप बढ़ जाती है।

(c) कुल आवेदक संख्या (Total Applicants)

जिस साल ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा में भाग लेते हैं, उस साल प्रतियोगिता बढ़ जाती है। परिणामस्वरूप Cut Off भी ऊपर चली जाती है।
कम विद्यार्थियों के आवेदन होने पर Cut Off थोड़ी कम रहती है।

(d) आरक्षण नीति (Reservation Policy)

Navodaya में SC, ST, OBC और PH Category के लिए अलग-अलग सीटें निर्धारित होती हैं।
इसलिए Cut Off भी Category Wise अलग-अलग तय की जाती है।
उदाहरण के लिए – General Category की Cut Off अधिक होती है, जबकि SC/ST Category की Cut Off कुछ कम रहती है।

(e) क्षेत्रीय प्रदर्शन (Regional Performance)

कुछ राज्यों और जिलों में बच्चों की तैयारी का स्तर बेहतर होता है।
ऐसे जिलों में Cut Off स्वाभाविक रूप से ज्यादा होती है।
वहीं पिछड़े या ग्रामीण क्षेत्रों में जहां संसाधन कम हैं, वहां Cut Off थोड़ी कम रहती है।

3. Cut Off तय करने का सूत्र

Navodaya Vidyalaya Samiti किसी आधिकारिक “फॉर्मूला” को सार्वजनिक नहीं करती, लेकिन शिक्षाविदों के अनुसार Cut Off का निर्धारण निम्न आधार पर किया जाता है:

Cut Off = (Average Score of Top Students) – (Moderation Factor based on Paper Difficulty)

इसका मतलब है कि समिति उन छात्रों के औसत अंकों को देखती है जिन्होंने सर्वाधिक अंक प्राप्त किए हैं, और फिर कठिनाई स्तर के अनुसार एक संतुलन (Moderation) जोड़ या घटाकर Cut Off तय करती है।

4. उदाहरण से समझिए

मान लीजिए किसी जिले में परीक्षा में 10,000 विद्यार्थी बैठे और 80 सीटें उपलब्ध हैं।
अब अगर अधिकतर बच्चों के अंक 85 से ऊपर हैं, तो Cut Off 90 के आस-पास जा सकती है।
लेकिन अगर औसतन बच्चों के अंक 70 के आसपास हैं, तो Cut Off 75 से 78 के बीच रह सकती है।

5. Cut Off अलग-अलग क्यों होती है?

कई बार विद्यार्थी यह देखकर भ्रमित हो जाते हैं कि एक राज्य में Cut Off 90 है, तो दूसरे में 78 ही क्यों?
असल में इसका कारण यह है कि हर राज्य, हर जिले की परीक्षा अलग-अलग स्तर की होती है और वहां की प्रतिस्पर्धा भी अलग होती है।

उदाहरण:

  • उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में विद्यार्थी संख्या अधिक होती है, इसलिए Cut Off ऊंची जाती है।
  • वहीं उत्तराखंड या छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में Cut Off तुलनात्मक रूप से कम रहती है।

6. Class 6 की Cut Off कैसे बदलती है हर साल?

Navodaya Class 6 की Cut Off हर साल एक समान नहीं रहती।
अगर पिछले कुछ वर्षों का औसत देखें तो हमें ये परिवर्तन देखने को मिलते हैं:

वर्षकठिनाई स्तरऔसत Cut Off (सामान्य श्रेणी)
2020मध्यम83 – 87
2021कठिन78 – 82
2022आसान89 – 93
2023मध्यम84 – 88
2024संतुलित86 – 90

इससे साफ पता चलता है कि परीक्षा की कठिनाई और छात्रों की संख्या का सीधा असर Cut Off पर पड़ता है।

7. Cut Off जानने का सबसे भरोसेमंद तरीका

जब भी Navodaya का Result आता है, उसी के कुछ दिनों बाद Navodaya Vidyalaya Samiti प्रत्येक राज्य के लिए चयन सूची (Selection List) जारी करती है।
आप इस सूची में अपना नाम देखकर अनुमान लगा सकते हैं कि आपके राज्य या जिले की Cut Off कितनी रही होगी।

इसके अलावा, कई वेबसाइटें जैसे navodayatrick.com हर साल अनुमानित Cut Off जारी करती हैं जो पिछले वर्षों के डेटा पर आधारित होती हैं।

8. Cut Off से जुड़े सामान्य सवाल

प्रश्न 1: क्या Cut Off हर जिले में समान होती है?
उत्तर: नहीं, हर जिले की Cut Off अलग होती है क्योंकि सीटों की संख्या और आवेदन करने वाले बच्चों की संख्या अलग-अलग होती है।

प्रश्न 2: क्या Category Wise Cut Off बदलती है?
उत्तर: हां, General, OBC, SC, ST और Divyang Category के लिए अलग-अलग Cut Off तय की जाती है।

प्रश्न 3: क्या लड़की और लड़के के लिए अलग Cut Off होती है?
उत्तर: नहीं, Cut Off एक ही होती है, लेकिन लड़कियों को कुछ जिलों में प्राथमिकता दी जाती है ताकि Gender Balance बना रहे।

प्रश्न 4: क्या Answer Key से Cut Off का अनुमान लगाया जा सकता है?
उत्तर: हां, अगर आपने Answer Key से अपने सही उत्तर गिने हैं, तो पिछले साल की Cut Off देखकर आप अनुमान लगा सकते हैं कि आपका चयन होगा या नहीं।

9. Cut Off बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों को क्या करना चाहिए?

अगर आप चाहते हैं कि आने वाले साल में आपका नाम चयन सूची में आए, तो इन बातों पर ध्यान दें:

  1. पिछले साल के पेपर हल करें।
    इससे आपको सवालों के पैटर्न और कठिनाई स्तर का अंदाजा मिलेगा।
  2. रीजनिंग और गणित में मजबूत पकड़ बनाएं।
    ये सेक्शन Cut Off बढ़ाने में सबसे बड़ा रोल निभाते हैं।
  3. समय प्रबंधन सीखें।
    परीक्षा के दौरान समय की कमी कई बार चयन को प्रभावित करती है।
  4. मॉक टेस्ट दें।
    हर हफ्ते ऑनलाइन या ऑफलाइन मॉक टेस्ट देकर आप अपनी तैयारी का स्तर जान सकते हैं।

10. निष्कर्ष

Navodaya Exam की Cut Off किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि पूरे देश के परीक्षा परिणामों और परिस्थितियों को देखकर तय की जाती है। इसमें परीक्षा की कठिनाई, विद्यार्थियों की संख्या, सीटों की उपलब्धता और आरक्षण जैसी नीतियां सब मिलकर प्रभाव डालती हैं।

अगर आप JNVST में चयन पाना चाहते हैं, तो केवल Cut Off की चिंता न करें, बल्कि अपनी तैयारी को इतना मजबूत बनाएं कि आपके अंक हर Cut Off से ऊपर रहें। याद रखें — Cut Off को पार करने वाले ही Navodaya परिवार का हिस्सा बनते हैं।

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