RTI क्या है FEES कितनी लगाती है कैसे करे पूरी जानकारी
RTI क्या होता है
RTI का मतलब होता है “Right to Information” या “सूचना का अधिकार”। यह एक कानून है जिसके तहत भारतीय नागरिकों को सरकारी विभागों से सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है, साथ ही सार्वजनिक हित में लोगों को सरकारी कामकाज में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करना है। RTI योजना 2005 में भारतीय संविधान के अन्तर्गत अधिकार के रूप में शामिल की गई थी। इसके तहत, नागरिक सरकारी विभागों से सूचना का अनुरोध कर सकते हैं और सरकारी विभागों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेही देने का अधिकार होता है
नवोदय के लिए RTI कैसे करे
नवोदय विद्यालय के लिए RTI (सूचना का अधिकार) का उपयोग करने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:
- आवश्यक जानकारी का प्रारंभिक खोज: सबसे पहला कदम यह है कि आपको वह जानकारी प्राप्त करने के लिए तैयार होना चाहिए, जिसके लिए आप RTI के तहत अनुरोध करना चाहते हैं।
- RTI अनुरोध पत्र तैयार करें: आपको एक RTI अनुरोध पत्र तैयार करना होगा। इस पत्र में आपको जानकारी का विवरण, आपका पता, और आपका संपर्क जानकारी शामिल करनी होगी।
- आवश्यक शुल्क जमा करें: आपको अनुरोध पत्र के साथ आवश्यक शुल्क जमा करना होगा, जो कि निर्धारित होता है।
- RTI कार्यालय को अनुरोध भेजें: आपको RTI अनुरोध पत्र को नवोदय विद्यालय के RTI कार्यालय को भेजना होगा। आप इसे स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड पोस्ट या अन्य दाखिले के जरिए भेज सकते हैं।
- उत्तर का इंतजार करें: RTI अनुरोध के बाद, आपको संबंधित अधिकारी द्वारा जवाब का इंतजार करना होगा। सामान्यतः, अधिकारी को RTI अनुरोध के अंतर्गत 30 दिनों के भीतर उत्तर देना होता है।
यदि आप नवोदय विद्यालय के बारे में किसी विशेष जानकारी को जानना चाहते हैं, तो आप RTI के तहत उस जानकारी का अनुरोध कर सकते हैं। आपको उसके लिए उपरोक्त कदमों का पालन करना होगा। इसके अलावा, आपको अपने RTI अनुरोध पत्र को सही और संपर्कयोग्य तरीके से तैयार करना होगा ताकि आपका अनुरोध संबंधित अधिकारियों तक पहुंचे और आपको वांछित जानकारी प्राप्त हो सके।
RTI करने में फीस क्या लगाती है
सामान्यतः, भारत में RTI अनुरोध के लिए निम्नलिखित शुल्क लागू होते हैं:
- अनुरोध शुल्क: आमतौर पर RTI अनुरोध के लिए शुल्क लागू होता है। यह शुल्क राज्य सरकार या केंद्र सरकार के निर्धारित नियमों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकता है। आमतौर पर यह शुल्क निम्नलिखित होता है:
- केंद्रीय सरकार: आमतौर पर 10 रुपये का शुल्क लागू होता है।
- राज्य सरकार: राज्य के अनुसार शुल्क भिन्न हो सकता है, लेकिन अधिकतम रकम 50 रुपये होती है।
- शुल्क माफी: कुछ अवस्थाओं में, जैसे कि गरीबी या जातिवाद के कारण, शुल्क की माफी भी प्रदान की जा सकती है।
- शुल्क माफी नहीं होने के मामले: कुछ अनुरोधों के लिए शुल्क माफी नहीं होती है, जैसे कि यदि आप किसी व्यक्ति के मौत की जानकारी चाहते हैं या किसी के आरोपित होने की जानकारी चाहते हैं।
यहां एक बार्गीक जानकारी के अलावा, आपको अपने राज्य सरकार या केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय RTI कार्यालय से अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, क्योंकि वहाँ के नियम और शुल्क अलग-अलग हो सकते हैं।
आरटीआई में आवेदन कैसे लिखा जाता है?
RTI आवेदन को तैयार करने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन करें:
- प्रारंभिक जानकारी:
- आपको आवश्यक जानकारी का प्रारंभिक खोज करनी चाहिए, जिसके लिए आप RTI अनुरोध कर रहे हैं।
- प्रारूप तैयार करें:
- आपको RTI अनुरोध पत्र को तैयार करना होगा। यह पत्र आपके नाम, पता, आवेदन की जानकारी, अनुरोध के विषय, और अन्य आवश्यक विवरण शामिल करना चाहिए।
- भाषा का ध्यान रखें:
- आपको RTI अनुरोध पत्र को स्पष्ट और सरल भाषा में लिखना चाहिए।
- अनुरोध का विवरण:
- अपने अनुरोध में विवरण शामिल करें कि आप किस तरह की जानकारी चाहते हैं और क्यों।
- संपर्क जानकारी शामिल करें:
- आपको अपनी संपर्क जानकारी भी अनुरोध पत्र में शामिल करनी चाहिए ताकि आपको जवाब प्राप्त हो सके।
- शुल्क जमा करें:
- आपको अपने अनुरोध के साथ आवश्यक शुल्क जमा करना होगा, जैसे कि उपरोक्त निर्देशों में उल्लिखित है।
- पत्र भेजें:
- आपको RTI अनुरोध पत्र को संबंधित विभाग या अधिकारी को भेजना होगा।
- उत्तर का इंतजार:
- अधिकारी को RTI अनुरोध पत्र प्राप्त होने के बाद, आपको उत्तर का इंतजार करना होगा।
यहाँ ध्यान देने वाला एक बात है कि RTI अनुरोध पत्र को लिखते समय संबंधित अधिकारी की पद/पदाधिकारी का नाम और पता सही और स्पष्ट रूप से लिखें। यह आपके अनुरोध को सही व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद करेगा।
आरटीआई कैसे मांगी जाती है?
RTI (सूचना का अधिकार) की मांग करने के लिए निम्नलिखित कदम अनुसरण किए जा सकते हैं:
- आवश्यक जानकारी की पहचान: पहले तो, आपको यह निर्धारित करना होगा कि आप किस विषय पर जानकारी की मांग करना चाहते हैं। आपको आवश्यक जानकारी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
- RTI अनुरोध पत्र की तैयारी: आपको RTI अनुरोध पत्र तैयार करना होगा। इसमें आपको अपने नाम, पता, जानकारी का विवरण, आपके मांग का विषय, और अन्य आवश्यक जानकारी शामिल करनी होगी।
- अनुरोध पत्र के जमा करने का तरीका: RTI अनुरोध पत्र को संबंधित विभाग या अधिकारी को भेजने के लिए उपयुक्त तरीका चुनें। आप इसे डाक द्वारा भेज सकते हैं या ऑनलाइन RTI पोर्टल के माध्यम से भी जमा कर सकते हैं।
- अनुरोध पत्र में शुल्क जमा करें: RTI अनुरोध के साथ अनुरोध शुल्क जमा करें, जैसे कि निर्दिष्ट किया गया हो।
- उत्तर का इंतजार: अधिकारी को आपका RTI अनुरोध प्राप्त होने के बाद, आपको उत्तर का इंतजार करना होगा। यह आमतौर पर 30 दिनों के भीतर होता है।
संबंधित अधिकारी को RTI अनुरोध पत्र प्राप्त होने के बाद, वह आपको आपके मांग के विषय में जानकारी प्रदान करेगा। यदि आपको कोई समस्या होती है या आपको संतुष्ट नहीं किया जाता है, तो आपको अपील करने का अधिकार होता है। इसके लिए भी RTI अनुरोध के अंतर्गत विधि निर्धारित की जाती है।
नवोदय विद्यालय में एडमिशन के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है, हालांकि यह आपके प्रत्येक राज्य के नियमों और नवोदय विद्यालय संगठन की निर्देशों पर भी निर्भर कर सकता है। आपको नवोदय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय कार्यालय से भी यह जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
अधिकारिक डॉक्यूमेंट्स की सामान्य सूची निम्नलिखित है:
- जन्म प्रमाण पत्र: इसमें आपकी जन्म तिथि, पिता/माता का नाम, और अन्य आवश्यक जानकारी होती है।
- आधार कार्ड: यह आपकी पहचान के लिए होता है।
- स्कूल के अनुभव का प्रमाण: आपके पिछले स्कूल के अनुभव का प्रमाण हो सकता है।
- पिछले कक्षा की अंकगणित: यदि आप एक उच्च कक्षा में एडमिशन के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो पिछली कक्षा के अंकगणित की प्रमाणित प्रतियां भी आवश्यक हो सकती हैं।
- आय प्रमाण पत्र: कुछ राज्यों में, आपके परिवार की आर्थिक स्थिति का प्रमाण पत्र भी आवश्यक हो सकता है।
इसके अलावा, आपको नवोदय विद्यालय के आवेदन पत्र में उल्लिखित अन्य दस्तावेजों को भी सही करना चाहिए। इसलिए, स्थानीय नवोदय विद्यालय की वेबसाइट या कार्यालय से यह जानकारी प्राप्त करना बेहद महत्वपूर्ण है।
नवोदय विद्यालयों में आवेदन के लिए विभिन्न कक्षाओं के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र उपलब्ध होते हैं। यह कक्षाएं वाणिज्यिक, कला, विज्ञान, गणित, और अन्य विषयों में होती हैं। आपके बच्चे को जो कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन करना हो, उसके अनुसार उपयुक्त फॉर्म भरना चाहिए।
आमतौर पर, निम्नलिखित कक्षाओं में नवोदय विद्यालय में आवेदन के लिए फॉर्म उपलब्ध होते हैं:
- कक्षा 6: इस कक्षा में आवेदन के लिए छात्रों को अधिकतम आयु सीमा अपेक्षित होती है, जो विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हो सकती है।
- कक्षा 9: इस कक्षा में आवेदन के लिए विद्यार्थियों को एक निर्दिष्ट आयु सीमा का होना चाहिए। यहाँ भी राज्य अनुसार आयु सीमा में विशेषता हो सकती है।
नवोदय विद्यालयों में आवेदन की तारीखें और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नवोदय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय कार्यालय से संपर्क करना सर्वोत्तम होगा।
आरटीआई लगाने में कितना खर्च आता है?
भारत में आरटीआई (सूचना का अधिकार) का अनुरोध करने के लिए निर्धारित शुल्क लगता है। यह शुल्क सरकार द्वारा निर्धारित होता है और इसे आमतौर पर RTI अनुरोध पत्र के साथ जमा किया जाता है। शुल्क की राशि केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है।
केंद्रीय सरकार के लिए आरटीआई शुल्क आमतौर पर 10 रुपये होता है। जबकि राज्य सरकारों में यह राशि विभिन्न हो सकती है, लेकिन अधिकतम राशि 50 रुपये होती है।
यदि आप आरटीआई के अनुरोध करते समय किसी गरीब व्यक्ति हैं या आपके आयुक्ति में निराधिकारी की दशा है, तो आपको शुल्क में माफी भी मिल सकती है।
यह शुल्क आरटीआई अनुरोध के लिए आवश्यक होता है और इसे अनुरोध पत्र के साथ जमा करना होता है
आरटीआई के तहत कौन आवेदन कर सकता है?
भारतीय संविधान के तहत, आरटीआई (सूचना का अधिकार) का अधिकार भारत के हर नागरिक को होता है। इसलिए, किसी भी व्यक्ति या संगठन जैसे कि एक नागरिक, संगठन, विचारक, पत्रकार, या किसी अन्य व्यक्ति को अपनी जरूरत अनुसार RTI के तहत आवेदन करने का अधिकार होता है।
यहाँ कुछ ऐसे व्यक्ति/संगठन की सूची दी गई है, जो आरटीआई के तहत आवेदन कर सकते हैं:
- व्यक्ति: किसी भी भारतीय नागरिक या निवासी, अपनी व्यक्तिगत जरूरत अनुसार RTI के तहत आवेदन कर सकता है।
- संगठन: किसी भी संगठन, सांस्कृतिक समूह, सामाजिक संगठन, नागरिक समूह, या किसी अन्य समूह भी आरटीआई के तहत आवेदन कर सकता है।
- पत्रकार: पत्रकारों को भी RTI के तहत जानकारी की मांग करने का अधिकार होता है।
- विचारक: कोई भी विचारक या अनुसंधानकर्ता, जो जानकारी की मांग करने की आवश्यकता महसूस करता है, RTI के तहत आवेदन कर सकता है।
इसके अलावा, किसी भी संगठन या संस्था जैसे कि स्कूल, कॉलेज, या अन्य सरकारी या गैर-सरकारी संस्थान भी RTI के तहत जानकारी की मांग कर सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति या संगठन जानकारी के अधिकार का उपयोग करना चाहता है, तो उसे आरटीआई के तहत अनुरोध पत्र जमा करना होगा, जिसके बाद उसके अनुसार जानकारी प्रदान की जाएगी।
अगर 30 दिनों में आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया तो क्या होगा?
यदि किसी आरटीआई (सूचना का अधिकार) अनुरोध का जवाब 30 दिनों के भीतर नहीं दिया जाता है, तो इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया हो सकती है:
- प्राथमिक जनपद का अपील: आप पहले जनपद के अपील अधिकारी के पास जा सकते हैं। आपको अपील के लिए लिखित अनुरोध पत्र देना होगा। अपील अधिकारी को आपकी अपील पर 30 दिन के भीतर उत्तर देना होगा।
- द्वितीय जनपद का अपील: यदि प्राथमिक जनपद के अपील अधिकारी का उत्तर आपको संतुष्ट नहीं करता, तो आप द्वितीय जनपद के अपील अधिकारी के पास अपील कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय स्तर का अपील: यदि द्वितीय जनपद के अपील अधिकारी का उत्तर भी आपको संतुष्ट नहीं करता, तो आप राष्ट्रीय स्तर पर अपील कर सकते हैं। इसके लिए आपको केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) के पास अपील करना होगा।
यदि कोई अधिकारी 30 दिनों के भीतर RTI अनुरोध का जवाब नहीं देता है, तो इसे आरटीआई के नियमों और विधियों के खिलाफ होने के रूप में माना जाता है और अपील की जा सकती है। अपील की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना चाहिए।
क्या आरटीआई फ्री है?
नहीं, आरटीआई (सूचना का अधिकार) अनुरोध करने के लिए शुल्क लिया जाता है। यह शुल्क सरकार द्वारा निर्धारित होता है और इसकी राशि केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों के अनुसार भिन्न हो सकती है।
केंद्रीय सरकार के लिए आरटीआई शुल्क आमतौर पर 10 रुपये होता है। जबकि राज्य सरकारों में यह राशि विभिन्न हो सकती है, लेकिन अधिकतम राशि 50 रुपये होती है।
यह शुल्क आरटीआई अनुरोध के लिए आवश्यक होता है और इसे अनुरोध पत्र के साथ जमा करना होता है।
ध्यान देने वाली एक बात है कि कुछ सरकारी योजनाओं में गरीब व्यक्तियों और निराधिकारियों के लिए आरटीआई शुल्क में छूट भी उपलब्ध होती है।
आरटीआई के तहत कौन सी जानकारी नहीं दी जा सकती है?
आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत, सामान्यतः सरकारी विभागों या संगठनों से किसी भी जानकारी की मांग की जा सकती है, लेकिन कुछ विशेष प्रकार की जानकारी या दस्तावेजों को आरटीआई के अंतर्गत प्रकट नहीं किया जा सकता है। इसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल है:
- आधिकारिक राजनीतिक या राजनैतिक निर्णयों का विवरण: सरकारी निर्णयों के पीछे के राजनीतिक या नीतिगत प्रक्रियाओं के विवरण को आरटीआई के अंतर्गत प्रकट नहीं किया जा सकता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जानकारी: राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जानकारी को आरटीआई के अंतर्गत प्रकट नहीं किया जा सकता है।
- गोपनीय व्यक्तिगत जानकारी: व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी को आरटीआई के अंतर्गत प्रकट नहीं किया जा सकता है।
- व्यापारिक या आपातकालीन जानकारी: व्यापारिक या आपातकालीन स्वरूप की जानकारी को आरटीआई के अंतर्गत प्रकट नहीं किया जा सकता है।
- न्यायिक प्रक्रियाओं की जानकारी: किसी भी न्यायिक प्रक्रिया या कानूनी कार्रवाई संबंधी जानकारी को भी आरटीआई के अंतर्गत प्रकट नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा, कुछ अन्य विशेष प्रकार की जानकारी भी आरटीआई के अंतर्गत प्रकट नहीं की जा सकती है, जो सरकारी निर्णय को प्रभावित कर सकती हैं। यह सुझाव दिया जाता है कि अगर किसी जानकारी की उपलब्धता के बारे में संदेह हो, तो स्थानीय आरटीआई अधिकारी से संपर्क किया जाए।
आरटीआई के लिए 10 रुपये का भुगतान कैसे करें?
आरटीआई (सूचना का अधिकार) के लिए 10 रुपये का भुगतान करने के लिए निम्नलिखित तरीके हो सकते हैं:
- ऑफलाइन भुगतान: आप अपने आरटीआई अनुरोध के साथ एक ड्राफ्ट या चेक का भुगतान कर सकते हैं। इसे अपने अनुरोध पत्र के साथ स्थानीय प्राधिकरण या विभाग के लिए भेजा जा सकता है।
- ऑनलाइन भुगतान: कुछ सरकारी विभागों या पोर्टल्स पर ऑनलाइन भुगतान के लिए विकल्प उपलब्ध कराते हैं। आप उनकी वेबसाइट पर जाकर आरटीआई शुल्क का ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।
- स्थानीय प्राधिकरण या विभाग के कार्यालय: आप स्थानीय प्राधिकरण या विभाग के कार्यालय में जाकर नकद में भी आरटीआई शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।
आपको आरटीआई अनुरोध के साथ भुगतान करने का तरीका उस संगठन या प्राधिकरण की वेबसाइट या अधिकारी से प्राप्त किया गया जानकारी के अनुसार करना चाहिए। आपको भुगतान करने के लिए उपयुक्त तरीका चुनना चाहिए और अपने भुगतान का प्रमाण रखना चाहिए।
आरटीआई से क्या फायदा है?
आरटीआई (सूचना का अधिकार) कई तरह के लाभ प्रदान कर सकता है। यहाँ कुछ मुख्य फायदे हैं:
- सरकारी पारदर्शिता: आरटीआई के माध्यम से नागरिकों को सरकारी कामकाज और निर्णयों के साथ पारदर्शिता प्राप्त होती है। यह सरकार के निर्णयों के पीछे के लोगों के लिए जानकारी की उपलब्धता और जानकारी के अधिकार को बढ़ावा देता है।
- जानकारी प्राप्ति: नागरिकों को अपने विभागों और सरकारी कार्यों से संबंधित जानकारी की पहुंच मिलती है। इससे उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जानने और उनका उपयोग करने में मदद मिलती है।
- सुधार: आरटीआई के माध्यम से नागरिक विभिन्न गलतियों, अनियमितताओं या अव्यवस्थाओं की शिकायत कर सकते हैं और सुधार की मांग कर सकते हैं।
- जागरूकता और जागरूकता: आरटीआई के माध्यम से नागरिकों को अपने अधिकारों, कानूनों, और सरकारी प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का मौका मिलता है।
- खुलापन और जवाबदेही: सरकारी विभागों को अपने निर्णयों और कार्रवाईयों को सार्वजनिक रूप से जानकारी देने की अपेक्षा की जाती है। इससे सरकार की प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ती है।
- गलत संचालन का रोक: आरटीआई के माध्यम से नागरिकों को सरकारी विभागों के खिलाफ गलत संचालन की रिपोर्टिंग करने का मौका मिलता है और ऐसे संचालन को रोका जा सकता है।
साथ ही, आरटीआई नागरिकों को सरकारी संरचना की अनुभूति और सार्वजनिक सेवाओं के उपयोग में सुधार करने में मदद करता है।
आरटीआई (सूचना का अधिकार) के लिए किसी भी भारतीय नागरिक, जो अपने अधिकारों को प्रयोग करने की इच्छा रखता है, पात्र हो सकता है। यहाँ कुछ पात्रता मानदंड दिए जा रहे हैं:
- नागरिकता: आरटीआई के अधिकार का लाभ उसी व्यक्ति को मिलता है जो भारतीय नागरिक होता है।
- जानकारी की मांग का अधिकार: नागरिकों को किसी सरकारी विभाग या संगठन से जानकारी की मांग करने का अधिकार होना चाहिए।
- आरटीआई अनुरोध की प्राधिकरण: आरटीआई के अंतर्गत जानकारी की मांग करने का अधिकार वही व्यक्ति है जो अपने नियामक अथवा व्यक्तिगत जानकारी का अनुरोध करता है।
- जानकारी की मांग का उद्देश्य: आरटीआई अनुरोध का उद्देश्य सार्वजनिक है, और इसे जानकारी के उपयोग के लिए किया जाता है, न कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए।
किसी भी नागरिक या संगठन को आरटीआई का अधिकार हो सकता है, चाहे वह व्यक्तिगत या सामाजिक संगठन हो। यह अधिकार सभी के लिए होता है, जो उसका उपयोग करना चाहते हैं, ताकि वे सरकारी निर्णयों और कार्रवाइयों की पारदर्शिता में योगदान कर सकें।
एक व्यक्ति कितनी बार आरटीआई के लिए आवेदन कर सकता है?
भारतीय कानून के अनुसार, किसी व्यक्ति को आरटीआई (सूचना का अधिकार) के अंतर्गत अनुरोध करने का अधिकार होता है। व्यक्ति अपनी जरूरत और प्रतिक्रिया के आधार पर इसका उपयोग कर सकता है। इसलिए, व्यक्ति कितनी बार आरटीआई के लिए आवेदन कर सकता है, इसका कोई स्थिर निर्धारण नहीं है।
यदि किसी व्यक्ति को अधिकार के तहत जानकारी की आवश्यकता और उपयोग होता है, तो वह अपने अधिकार का उपयोग कर सकता है और आरटीआई अनुरोध कर सकता है। हालांकि, ध्यान देने योग्य है कि यह अधिकार जानकारी की अधिकता और सरकारी पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए है, और इसे न्यायिक और उचित प्रयोग में ही लेना चाहिए
आरटीआई को हिंदी में क्या कहते हैं?
आरटीआई का हिंदी में पूरा नाम “सूचना का अधिकार अधिनियम” होता है। इसको संक्षिप्त रूप में “आरटीआई” भी कहा जाता है, जिसका पूरा रूप “आर्टीकल २९ (सूचना का अधिकार)” है।
आरटीआई का पूरा नाम क्या है?
आरटीआई का पूरा नाम “सूचना का अधिकार अधिनियम” होता है। यह अधिनियम भारतीय नागरिकों को सरकारी जानकारी के अधिकार को समर्थित करता है और उन्हें सरकारी निर्णयों की पारदर्शिता और जानकारी के लिए संबंधित संगठनों से जानकारी की मांग करने का अधिकार प्रदान करता है।
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