JNV दूसरी प्रतीक्षा सूची: रिज़र्व सीट का विवरण!
हर साल लाखों छात्र-छात्राएं Jawahar Navodaya Vidyalaya (JNV) में दाखिला पाने का सपना लेकर परीक्षा में बैठते हैं। ये परीक्षा खासतौर पर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है। कक्षा 6 में दाखिले के लिए प्रतियोगिता काफ़ी कठिन होती है, क्योंकि सीटें सीमित होती हैं और अभ्यर्थी बहुत अधिक।
जब पहली चयन सूची जारी होती है, तो उसमें कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जो किसी कारणवश एडमिशन नहीं ले पाते। ऐसे में दूसरी प्रतीक्षा सूची (2nd Waiting List) सामने आती है – और यहीं से एक और उम्मीद जन्म लेती है।
इस लेख में हम जानेंगे कि Navodaya की दूसरी प्रतीक्षा सूची में रिज़र्व सीटों का क्या नियम है, किन वर्गों को आरक्षण मिलता है और इसका छात्रों के चयन पर क्या असर पड़ता है।

रिज़र्व सीट क्या होती हैं?
रिज़र्व सीटें यानी आरक्षित सीटें, भारत सरकार की उस नीति का हिस्सा हैं जिसका उद्देश्य है – सभी सामाजिक वर्गों को समान अवसर देना। Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) इसी नीति का पालन करते हुए अलग-अलग वर्गों के लिए कुछ सीटें आरक्षित रखता है। इसका सीधा फायदा उन बच्चों को मिलता है जो वंचित या पिछड़े वर्ग से आते हैं।
Navodaya में आरक्षण की संरचना
JNV में कक्षा 6 के लिए चयन करते समय NVS कुछ तय प्रतिशत के हिसाब से आरक्षण लागू करता है। यह आरक्षण पहली और दूसरी दोनों सूची में बराबर लागू होता है।
आरक्षण विवरण:
- SC (अनुसूचित जाति) – कुल सीटों का 15%
- ST (अनुसूचित जनजाति) – कुल सीटों का 7.5%
- OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग – केंद्रीय सूची) – कुल सीटों का 27%
- Divyang (दिव्यांग छात्र) – कुल सीटों का 3%
- बालिकाएं – हर विद्यालय में कम से कम एक तिहाई सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित होती हैं
- ग्रामीण क्षेत्र के छात्र – कम से कम 75% सीटें ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले छात्रों के लिए होती हैं
इस प्रकार की आरक्षण नीति का उद्देश्य संतुलन और समावेशिता को बढ़ावा देना है।
दूसरी प्रतीक्षा सूची में रिज़र्व सीटें कैसे भरती हैं?
जब पहली चयन सूची के आधार पर कुछ सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन खाली सीटों को भरने के लिए दूसरी प्रतीक्षा सूची जारी होती है। इस दौरान भी आरक्षण की वही पद्धति अपनाई जाती है। उदाहरण के लिए:
- अगर ST कोटे में 5 सीटें थीं और केवल 3 छात्रों ने रिपोर्ट किया, तो बाकी 2 सीटों को ST वर्ग के अगले मेरिट वाले छात्रों से भरा जाएगा।
- अगर SC/OBC कोटे की कोई सीट बची रह जाती है, तो उसी वर्ग के प्रतीक्षा सूची में शामिल छात्रों को प्राथमिकता मिलेगी।
परंतु यदि किसी वर्ग से पर्याप्त योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते, तो सीट को दूसरे वर्ग में ट्रांसफर भी किया जा सकता है, जो कि NVS की नीति और नियमों पर निर्भर करता है।
क्या ग्रामीण क्षेत्र का कोटा दूसरी लिस्ट में भी लागू होता है?
हाँ, ग्रामीण क्षेत्र के लिए आरक्षित सीटें दूसरी प्रतीक्षा सूची में भी समान रूप से लागू होती हैं। जो छात्र ग्रामीण विद्यालयों में कक्षा 3, 4 और 5 तक पढ़े हैं, वे इस कोटे का लाभ उठा सकते हैं।
यदि पहली लिस्ट में ग्रामीण कोटे की कुछ सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें दूसरी प्रतीक्षा सूची के माध्यम से ही भरा जाता है।
क्या दिव्यांग छात्रों के लिए भी दूसरी सूची में मौका होता है?
बिलकुल, दिव्यांग छात्रों के लिए आरक्षित सीटें भी दोबारा भरी जाती हैं यदि पहली लिस्ट में पूरा कोटा नहीं भर पाया हो। इसके लिए:
- छात्र का शारीरिक/मानसिक दिव्यांग प्रमाण पत्र होना चाहिए
- प्रमाण पत्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से होना चाहिए
- डॉक्टर की पुष्टि आवश्यक होती है
चयन प्रक्रिया में मेरिट और आरक्षण का संतुलन
Navodaya की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां मेरिट को सबसे ऊपर रखा जाता है, पर साथ ही सामाजिक समानता का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। यानी कि हर वर्ग के छात्रों को अवसर मिले, लेकिन सबको योग्यता के आधार पर।
दूसरी प्रतीक्षा सूची भी पारदर्शी प्रक्रिया से बनती है और इसमें कंप्यूटर के माध्यम से चयन किया जाता है।
सूची कैसे देखें और रिज़र्व कोटा की जानकारी कैसे पाएं?
लिस्ट देखने के स्टेप्स:
- https://navodaya.gov.in वेबसाइट पर जाएं
- होमपेज पर “Admission Notifications” सेक्शन देखें
- “Class 6 2nd Selection List” लिंक पर क्लिक करें
- अपने राज्य और जिले के अनुसार PDF डाउनलोड करें
- लिस्ट में छात्र का नाम, जन्मतिथि, वर्ग (SC/ST/OBC/UR) का उल्लेख होता है
- Ctrl + F का प्रयोग कर नाम या रोल नंबर खोजें
आप navodayatrick.com जैसी वेबसाइटों पर जाकर भी डायरेक्ट लिंक पा सकते हैं, जहां अक्सर लिस्ट की जानकारी आसान शब्दों में दी जाती है।
यदि आरक्षित सीटों पर पर्याप्त छात्र नहीं मिलते तो क्या होता है?
यह स्थिति बहुत कम आती है, लेकिन यदि किसी विशेष कोटे (जैसे ST या Divyang) में पर्याप्त छात्र न मिलें, तो NVS की गाइडलाइन के अनुसार उन सीटों को:
- उसी कोटे के प्रतीक्षा सूची से भरा जाता है
- अगर फिर भी सीट बचती है, तो उसे दूसरे कोटे या सामान्य श्रेणी के योग्य छात्रों को दे दिया जाता है
NVS सुनिश्चित करता है कि कोई भी सीट खाली न रहे और हर छात्र को समान अवसर मिले।
निष्कर्ष
Navodaya Vidyalaya की दूसरी प्रतीक्षा सूची में भी उतनी ही पारदर्शिता और न्याय होता है जितना कि पहली सूची में। इस लिस्ट के माध्यम से वे छात्र जो पहली बार चूक गए थे, उन्हें एक और मौका मिलता है। और सबसे अच्छी बात यह है कि आरक्षण नीति के तहत हर वर्ग को समान अवसर मिलता है।
अगर आप या आपका बच्चा पहली लिस्ट में नहीं चुने गए हैं, तो अभी उम्मीद बाकी है। सही जानकारी, समय पर अपडेट, और दस्तावेजों की तैयारी आपको इस मौके का लाभ दिला सकती है।
इसलिए समय पर लिस्ट चेक करें, अपने कोटे और वर्ग की जानकारी समझें, और पूरी तैयारी के साथ रिपोर्ट करें।
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