JNV 2nd Round Chance 2025 – क्या आपका बच्चा चुना जा सकता है?
हर साल लाखों बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश की परीक्षा (JNVST) देते हैं, लेकिन उनमें से केवल सीमित संख्या में ही पहले राउंड की चयन सूची (First Merit List) में नाम आता है। जिन बच्चों का नाम पहले चयन सूची में नहीं आता, उनके लिए सबसे बड़ा सवाल होता है: “क्या JNV में 2nd Round में चयन हो सकता है?” इस लेख में हम बहुत ही विस्तार से, इंसानी नजरिए से और अनुभव के आधार पर समझेंगे कि JNV 2nd Round Chance 2025 में कितना है, किन बच्चों को अवसर मिल सकता है, और क्या आपको अब भी उम्मीद बनाए रखनी चाहिए।

सबसे पहले जानें: JNV 2nd Round क्या है?
JNV 2nd Round को आम भाषा में Waiting List Selection भी कहा जाता है। इसका मतलब है – पहले चयनित बच्चों में से जो छात्र प्रवेश नहीं लेते या जिनके दस्तावेज़ में कोई कमी पाई जाती है, उनकी जगह पर प्रतीक्षा सूची (Waiting List) में से बच्चों को बुलाया जाता है। यही दूसरा राउंड होता है।
क्यों होता है 2nd Round?
- कुछ छात्र किसी कारणवश JNV में प्रवेश नहीं लेते।
- कुछ बच्चों के डॉक्यूमेंट अधूरे या गलत पाए जाते हैं।
- कुछ माता-पिता निजी स्कूल को प्राथमिकता दे देते हैं।
- कुछ जिलों में रिज़र्व कोटा पूरा नहीं हो पाता, जैसे SC/ST/OBC सीटें खाली रह जाती हैं।
इन सभी कारणों से जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (NVS) को दूसरे चरण में योग्य बच्चों को मौका देना होता है।

JNV 2nd Round में Chance कितना होता है?
यह सवाल बहुत अहम है, और इसका सीधा जवाब यह है कि चांस ज़रूर होता है, लेकिन यह जिला, कोटा और रिजल्ट पर निर्भर करता है।
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1. हर जिले का अलग पैटर्न होता है
कुछ जिलों में बहुत ज्यादा आवेदन आते हैं और सभी चुने गए बच्चे एडमिशन ले लेते हैं – वहां 2nd round का मौका कम होता है। जबकि कुछ जिलों में बच्चे प्रवेश नहीं लेते या सीटें खाली रह जाती हैं – वहां 2nd round में अच्छे मौके होते हैं।
2. कोटा के अनुसार भी चांस तय होता है
- अगर SC या ST सीट खाली रह जाए तो उस कोटे के छात्र को पहले बुलाया जाता है।
- लड़कों और लड़कियों का अलग-अलग अनुपात होता है – कभी लड़कियों को ज्यादा मौके मिल जाते हैं अगर लड़कों ने सीटें भर दी हों।
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3. पहले राउंड में कितना प्रतिशत बच्चों ने एडमिशन लिया – यह सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है
यदि 100 सीटों में से केवल 70 बच्चों ने ही प्रवेश लिया है, तो 30 बच्चों को वेटिंग से मौका मिलेगा। ऐसे में आपके बच्चे का मार्क्स अच्छा है और रैंक ऊपर है, तो चांस बहुत अच्छा बनता है।
पिछले वर्षों में JNV 2nd Round से कितने बच्चों को मौका मिला?
यहाँ एक अनुमान आधारित आंकड़ा दिया गया है (official डाटा नहीं, अनुभव आधारित जानकारी):
वर्ष | कुल सीटें | वेटिंग से चुने गए छात्रों का प्रतिशत |
---|---|---|
2021 | लगभग 47,000 | 12-15% |
2022 | लगभग 48,000 | 10-14% |
2023 | लगभग 49,000 | 11-16% |
2024 | लगभग 50,000 | 13-17% अनुमानित |
इसका मतलब है कि हर साल करीब 6,000 से 8,000 बच्चों को 2nd round में मौका मिलता है। यह संख्या छोटी नहीं है।
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JNV 2nd Round के लिए किन बच्चों को वरीयता मिलती है?
- उच्च स्कोर वाले लेकिन मुख्य सूची में नहीं आ पाए
- वंचित वर्ग (SC/ST/OBC/Divyang) से आने वाले बच्चे
- ग्रामीण क्षेत्र के छात्र जिनका बैकग्राउंड पूरी तरह सरकारी विद्यालय आधारित हो
- वे छात्र जो चयन प्रक्रिया में नियमों के अनुसार पात्र थे, लेकिन सीटों की कमी से रह गए
क्या आपका बच्चा JNV 2nd Round में चुना जा सकता है?
यह जानने के लिए आप निम्न बातों का मूल्यांकन करें:
- आपके बच्चे का पेपर कैसा गया था?
- अनुमानित कट-ऑफ से उसके अंक कितने करीब थे?
- आपके जिले में कितनी सीटें हैं और पिछले वर्षों में कितने बच्चों को वेटिंग से मौका मिला?
- क्या आपके जिले में लड़कियों/SC/ST की सीटें खाली रह सकती हैं?
यदि इन सभी सवालों का जवाब सकारात्मक दिशा में जाता है, तो समझिए कि आपका बच्चा 2nd round में strong contender है।
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JNV 2nd Round Selection कब होता है?
जैसा कि पिछले लेख में बताया गया था – आमतौर पर Waiting List पर आधारित चयन प्रक्रिया अगस्त से सितंबर तक चलती है।
- 1st round की रिपोर्ट स्कूलों से लेने के बाद, खाली सीटों की जानकारी एकत्र की जाती है।
- उसके बाद स्कूल स्तर पर वेटिंग सूची में से बुलावा भेजा जाता है।
- किसी-किसी स्कूल में यह प्रक्रिया अक्टूबर या नवंबर तक भी जारी रहती है।
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Waiting Status कैसे पता करें?
JNV 2nd Round के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्न तरीकों को अपनाएं:
- अपने जिले के JNV स्कूल में फोन या व्यक्तिगत संपर्क करें।
- navodaya.gov.in वेबसाइट पर सूचना देखें (हालांकि वेटिंग से जुड़ी जानकारी वहाँ सीधे उपलब्ध नहीं होती)।
- DEO (जिला शिक्षा अधिकारी) कार्यालय से संपर्क करें।
- पूर्व छात्रों या स्थानीय शिक्षक से संपर्क करें, जिनके पास पिछले वर्षों का अनुभव हो।
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जरूरी सुझाव (Tips):
- उम्मीद बनाए रखें लेकिन विकल्पों को खुला रखें।
- दस्तावेज़ समय से पहले तैयार रखें, ताकि बुलावा आने पर देरी न हो।
- बच्चे को मानसिक रूप से तैयार रखें कि किसी भी समय प्रवेश का मौका मिल सकता है।
- प्राइवेट स्कूलों में अस्थायी एडमिशन लेकर JNV के बुलावे का इंतज़ार करते रहें।
क्या JNV 2nd Round में एडमिशन के बाद फायदा मिलता है?
बिल्कुल। चाहे कोई बच्चा पहले राउंड में चुना जाए या वेटिंग से – दोनों ही बच्चों को JNV के सभी संसाधन, सुविधाएँ, शिक्षा और आवास एक जैसा मिलता है। कोई भेदभाव नहीं किया जाता। यही नवोदय की सबसे बड़ी खूबी है।
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निष्कर्ष: क्या JNV 2nd Round में उम्मीद रखनी चाहिए?
हां, 100% रखनी चाहिए।
JNV एकमात्र ऐसा स्कूल है जहाँ हर सीट की कीमत है। इसलिए NVS सुनिश्चित करता है कि एक भी सीट खाली न जाए। यही कारण है कि वेटिंग से चयन की प्रक्रिया बारीकी से चलाई जाती है। यदि आपका बच्चा मेहनती है और रिज़ल्ट के पास-पास था, तो आपके पास 2nd round में सेलेक्ट होने का पूरा चांस है।

आपके लिए अगला कदम क्या हो?
- स्कूल और DEO से संपर्क बनाए रखें।
- हमारे वेबसाइट navodayatrick.com पर वेटिंग से जुड़ी हर खबर सबसे पहले पढ़ते रहें।
- सोशल मीडिया या न्यूज वेबसाइट के भटकाव में न आएँ – सटीक जानकारी केवल ऑफिशियल और अनुभव से मिलती है।
अगर यह लेख उपयोगी लगा हो तो कृपया इसे अन्य अभिभावकों और छात्रों के साथ शेयर करें। हो सकता है किसी और को भी इससे उम्मीद और सही दिशा मिले।
और हां, JNV, Atal Awasiya Vidyalaya, Sainik School, Vidyagyan आदि की जानकारी और प्रैक्टिस सामग्री के लिए navodayatrick.com पर नियमित रूप से विज़िट करते रहें।