क्या आपने लाया इतना स्कोर? Navodaya Cut-Off जारी – इस बार की लिस्ट सबको चौंका गई!
हर साल की तरह इस साल भी जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (JNVST) की कटऑफ सूची का सभी को बेसब्री से इंतजार था। जैसे ही कटऑफ जारी हुई, हर अभ्यर्थी के मन में बस एक ही सवाल था – “क्या मेरा स्कोर कटऑफ तक पहुंचा?” इस बार की सूची ने कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए और छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
कटऑफ सूची में हुए बदलाव, नए मानदंड और अलग-अलग वर्गों के लिए निर्धारित अंक इस बार कुछ खास रहे। चलिए जानते हैं कि इस बार Navodaya Cut-Off में ऐसा क्या था जिसने सभी को चौंका दिया।

इस बार की कटऑफ में क्या खास रहा?
2025 की चयन परीक्षा में जितनी उम्मीदें थीं, उससे कहीं ज्यादा कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। कई जिलों में सामान्य वर्ग की कटऑफ 85 अंकों तक पहुंच गई, जबकि कुछ पिछड़े जिलों में यह 68–72 के बीच ही रही।
सबसे बड़ा सवाल यह है – क्या आपने इतनी मेहनत की थी कि आपका स्कोर इस बार की ऊंची कटऑफ के पास पहुंच पाया?
जिलेवार कटऑफ में बड़ा अंतर
इस बार जिले के स्तर पर भी काफी फर्क देखने को मिला। शहरी जिलों की तुलना में ग्रामीण जिलों में कटऑफ अपेक्षाकृत कम रही। कुछ जिलों में जहां सामान्य वर्ग की कटऑफ 83+ गई, वहीं कुछ पिछड़े जिलों में 70 के आसपास ही रही।
उदाहरण:
- शहरी जिला (जैसे लखनऊ, पटना): 83 से 86 अंक
- ग्रामीण जिला (जैसे गढ़वा, लातेहार): 70 से 74 अंक
इससे साफ है कि स्थान और प्रतियोगिता स्तर का असर सीधे-सीधे कटऑफ पर पड़ा है।
वर्ग आधारित कटऑफ – किसने मारी बाज़ी?
जैसे-जैसे कटऑफ जारी हुई, ये भी साफ हुआ कि कुछ वर्गों को इस बार ज्यादा फायदा मिला।
- सामान्य वर्ग (General): कई जगहों पर 82–85 अंक तक चयन देखा गया।
- ओबीसी वर्ग: कुछ जिलों में OBC की कटऑफ 74 से 78 रही।
- SC/ST वर्ग: ST वर्ग में कुछ जगहों पर 60–65 अंकों पर भी चयन हो गया।
- Divyang श्रेणी: कई जिलों में 55 से 60 अंक भी पर्याप्त साबित हुए।
क्या आपने लाया इतना स्कोर?
अब सवाल आपसे – आपका स्कोर कितने अंक था?
क्या आपने कटऑफ को पार किया?
अगर हां, तो बधाई! और अगर नहीं, तो चिंता की कोई बात नहीं।
अभी भी उम्मीद बाकी है, क्योंकि:
- सेकंड लिस्ट (2nd Waiting List) आने वाली है।
- कई बार चयन सूची में नाम छूट जाते हैं लेकिन वेरिफिकेशन के समय जगह मिल जाती है।
- किसी और जिले में खाली सीटों पर ट्रांसफर विकल्प भी आता है।
इस बार की कटऑफ ने क्या सिखाया?
- हर अंक मायने रखता है: कई छात्र 1-2 अंकों से पीछे रह गए। इसलिए हर सवाल पर ध्यान देना जरूरी है।
- जिलेवार रणनीति जरूरी है: अब सिर्फ सामान्य पढ़ाई से काम नहीं चलेगा। अपने जिले की पिछली कटऑफ जानना जरूरी है।
- Mental Ability और गणित सबसे निर्णायक: इस साल इन्हीं सेक्शन्स में कटऑफ बढ़ाने में सबसे बड़ा रोल रहा।
स्कूल और अभिभावकों के लिए संदेश
अब जब कटऑफ सामने है, तो केवल परिणाम पर ध्यान देने की जगह छात्र के मानसिक स्वास्थ्य, उसकी निरंतर मेहनत, और भविष्य की तैयारी पर भी जोर देना जरूरी है। हर छात्र में योग्यता होती है, जरूरी है उसे सही दिशा देना।
तैयारी कर रहे छात्रों के लिए जरूरी बातें
अगर आप अगले साल Navodaya परीक्षा में बैठने की योजना बना रहे हैं, तो:
- अभी से तैयारी शुरू करें।
- पिछले साल की और इस बार की कटऑफ को ध्यान में रखें।
- जिलेवार ट्रेंड को समझें।
- मॉक टेस्ट और टाइम मैनेजमेंट पर ज़ोर दें।
कटऑफ का असर और अगला कदम
इस बार की कटऑफ देखकर इतना तो तय है कि आने वाले वर्षों में प्रतियोगिता और कठिन होगी। ऐसे में सही गाइडेंस, अच्छी तैयारी और आत्मविश्वास ही छात्रों की सबसे बड़ी ताकत बनेंगे।
आपके पास अगर स्कोर है जो इस कटऑफ के पास-पास या उससे ऊपर है, तो डॉक्युमेंट्स तैयार रखें।
और अगर नहीं है, तो रुकिए मत – अगली बार के लिए डट जाइए।
निष्कर्ष
Navodaya Vidyalaya की इस बार की कटऑफ ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। कुछ बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया और खुद को साबित किया, जबकि कुछ सिर्फ 1 या 2 अंक से चूक गए। लेकिन इस लिस्ट से यह भी साबित हो गया कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती।
क्या आपने लाया इतना स्कोर? अगर हां, तो गर्व की बात है। और अगर नहीं, तो अगली बार की तैयारी आज से ही शुरू कीजिए। जीत की कहानी उन्हीं की होती है जो हार के बाद भी रुकते नहीं।
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