NMMS Cut Off 2025: किस राज्य की Cut Off सबसे ज्यादा रहती है (पूरी रिपोर्ट और विश्लेषण)
परिचय
राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा (National Means-cum-Merit Scholarship – NMMS) भारत के हर राज्य में शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित की जाती है। इस परीक्षा का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता देना है। हर साल लाखों छात्र NMMS परीक्षा में शामिल होते हैं, परंतु केवल वे ही छात्र छात्रवृत्ति प्राप्त कर पाते हैं जो निर्धारित Cut Off Marks से अधिक अंक लाते हैं।
हर राज्य की Cut Off अलग होती है, और यह परीक्षा के स्तर, छात्रों की संख्या और प्रदर्शन पर निर्भर करती है। इस लेख में हम जानेंगे कि NMMS Cut Off 2025 में किस राज्य की Cut Off सबसे ज्यादा रहती है, कौन-कौन से राज्य हमेशा टॉप पर रहते हैं, और क्यों उनकी कट ऑफ अन्य राज्यों की तुलना में अधिक होती है।

1. NMMS परीक्षा का संक्षिप्त परिचय
NMMS परीक्षा कक्षा 8 के छात्रों के लिए होती है और इसमें दो पेपर होते हैं —
- MAT (Mental Ability Test) – 90 अंक
- SAT (Scholastic Aptitude Test) – 90 अंक
कुल 180 अंकों की यह परीक्षा होती है। चयन के लिए छात्रों को न्यूनतम योग्यता अंक और राज्यवार तय की गई कट ऑफ को पार करना होता है।
2. Cut Off Marks का महत्व
NMMS Cut Off यह तय करती है कि किसी राज्य से कितने छात्र छात्रवृत्ति प्राप्त करेंगे।
यदि किसी राज्य की कट ऑफ अधिक है, तो इसका मतलब है कि वहां के छात्र बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धा अधिक है।
कट ऑफ ज्यादा रहने वाले राज्यों में सामान्यत: शिक्षा का स्तर भी ऊंचा होता है और छात्र NMMS परीक्षा के लिए विशेष रूप से तैयारी करते हैं।
3. NMMS Cut Off 2025 को प्रभावित करने वाले कारक
NMMS 2025 की Cut Off निम्न कारकों पर निर्भर करेगी —
- परीक्षा की कठिनाई स्तर
- राज्यवार छात्र संख्या
- उपलब्ध छात्रवृत्ति सीटें
- राज्य की शिक्षा व्यवस्था और तैयारी स्तर
- पिछले वर्षों की Cut Off ट्रेंड
4. NMMS Cut Off 2025: किस राज्य की सबसे ज्यादा रहने की संभावना है
नीचे दी गई तालिका में अनुमानित Cut Off (General Category) दी गई है, जो पिछले 3 वर्षों के ट्रेंड के आधार पर तैयार की गई है।
| राज्य का नाम | अनुमानित Cut Off 2025 (सामान्य वर्ग) | स्थिति |
|---|---|---|
| दिल्ली | 120 – 125 | सबसे अधिक |
| हरियाणा | 118 – 122 | बहुत ऊंची |
| उत्तर प्रदेश | 115 – 120 | ऊंची |
| राजस्थान | 114 – 118 | ऊंची |
| मध्य प्रदेश | 110 – 115 | औसत से अधिक |
| बिहार | 108 – 112 | औसत |
| महाराष्ट्र | 105 – 110 | औसत |
| गुजरात | 100 – 105 | सामान्य |
| तमिलनाडु | 102 – 108 | औसत |
| पश्चिम बंगाल | 100 – 106 | सामान्य |
| ओडिशा | 98 – 104 | थोड़ी कम |
| छत्तीसगढ़ | 96 – 102 | थोड़ी कम |
| झारखंड | 98 – 103 | सामान्य |
नोट: ये आंकड़े अनुमानित हैं और राज्यवार शिक्षा विभाग द्वारा जारी आधिकारिक कट ऑफ के बाद ही अंतिम मानी जाएंगी।
5. दिल्ली की Cut Off सबसे ज्यादा क्यों रहती है
दिल्ली हर साल NMMS परीक्षा में सबसे अधिक Cut Off के लिए जानी जाती है। इसके कारण हैं —
- शिक्षा स्तर का उच्च मानक
- कक्षा 8 के छात्रों की मजबूत तैयारी
- ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग की सुविधा
- छात्रों की संख्या कम लेकिन गुणवत्ता अधिक
इस कारण दिल्ली की NMMS Cut Off लगभग 120 से ऊपर रहती है, जो देश में सबसे अधिक है।
6. हरियाणा और उत्तर प्रदेश की Cut Off भी ऊंची क्यों रहती है
हरियाणा और उत्तर प्रदेश में NMMS के लिए भारी प्रतिस्पर्धा होती है।
- हरियाणा में सरकारी विद्यालयों के परिणाम बेहतर हैं।
- उत्तर प्रदेश में आवेदन संख्या बहुत अधिक होती है, जिससे चयन कठिन हो जाता है।
इस वजह से इन दोनों राज्यों की Cut Off हर साल 115 या उससे अधिक रहती है।
7. राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार की Cut Off स्थिति
राजस्थान में NMMS की तैयारी बहुत गंभीरता से की जाती है। अधिकांश छात्र निजी कोचिंग संस्थानों से अभ्यास करते हैं।
मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा NMMS के लिए विशेष तैयारी अभियान चलाए जाते हैं, जिससे कट ऑफ स्थिर रहती है।
बिहार में छात्र संख्या बहुत अधिक होने के कारण Cut Off में थोड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।
8. किन राज्यों में Cut Off कम रहती है
ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, असम और नागालैंड जैसे राज्यों में Cut Off अपेक्षाकृत कम रहती है।
इसका कारण है —
- परीक्षा में कम उपस्थिति
- कठिन प्रश्न पत्र का प्रभाव
- ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी
- कम छात्रवृत्ति आवेदन संख्या
इन राज्यों में सामान्य वर्ग की Cut Off लगभग 90–100 अंकों के बीच रहती है।
9. NMMS Cut Off 2024 की तुलना में 2025 का रुझान
पिछले वर्ष (2024) की तुलना में 2025 में Cut Off थोड़ी बढ़ने की संभावना है क्योंकि —
- छात्र ऑनलाइन सामग्री और टेस्ट सीरीज का उपयोग अधिक कर रहे हैं।
- प्रतियोगिता हर साल बढ़ रही है।
- परीक्षा का स्तर अब मध्यम से आसान होता जा रहा है।
10. NMMS Cut Off सबसे ज्यादा रहने वाले टॉप 5 राज्य (2025 अनुमानित)
- दिल्ली – 120+
- हरियाणा – 118+
- उत्तर प्रदेश – 115+
- राजस्थान – 114+
- मध्य प्रदेश – 110+
इन राज्यों की Cut Off पूरे भारत में सबसे ऊंची रहती है। यहां चयन के लिए छात्रों को अधिक अंक लाने की आवश्यकता होती है।
11. NMMS Cut Off क्यों बढ़ती जा रही है
- अधिक प्रतिस्पर्धा
- परीक्षा की लोकप्रियता बढ़ना
- कोचिंग संस्थानों की भूमिका
- ऑनलाइन अध्ययन संसाधनों का उपयोग
- सरकारी विद्यालयों का बेहतर प्रदर्शन
इन कारणों से हर साल Cut Off में वृद्धि देखी जा रही है।
12. NMMS Cut Off 2025 पार करने के लिए सुझाव
- पिछले 5 वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें।
- MAT और SAT दोनों में समान ध्यान दें।
- गणित, तर्कशक्ति और सामान्य अध्ययन पर फोकस करें।
- Mock Tests देकर समय प्रबंधन सीखें।
- ऑनलाइन NMMS क्विज और टेस्ट सीरीज का प्रयोग करें।
- कठिन प्रश्नों पर ज्यादा समय देने की बजाय सटीकता पर ध्यान दें।
13. छात्रों की सबसे बड़ी गलती
कई छात्र केवल MAT पर ध्यान देते हैं और SAT को हल्के में लेते हैं।
जबकि NMMS चयन के लिए दोनों पेपरों के अंक जोड़े जाते हैं।
इसलिए दोनों पेपरों में समान स्कोर करना जरूरी है।
14. भविष्य के लिए तैयारी का तरीका
अगर आप NMMS 2026 या आगामी वर्ष के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो अभी से —
- NCERT Books (6 से 8 तक) अच्छे से पढ़ें।
- प्रैक्टिस बुक्स और मॉडल पेपर हल करें।
- साप्ताहिक टेस्ट लें और आत्ममूल्यांकन करें।
- अंक सुधारने के लिए समय-सारणी बनाएं।
15. निष्कर्ष
NMMS Cut Off 2025 में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की Cut Off सबसे ज्यादा रहने की संभावना है।
इन राज्यों के छात्र हर साल उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं, जिससे कट ऑफ का स्तर अन्य राज्यों की तुलना में ऊंचा रहता है।
यदि आप इन राज्यों से हैं, तो आपको कम से कम 115 से 120 अंक प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
NMMS में सफलता केवल पढ़ाई पर नहीं बल्कि रणनीति और समय प्रबंधन पर भी निर्भर करती है।
नियमित अभ्यास और सही दिशा में मेहनत से कोई भी छात्र इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकता है।
अंतिम शब्द:
NMMS परीक्षा न केवल छात्रवृत्ति पाने का एक जरिया है, बल्कि यह आपके आत्मविश्वास और भविष्य की शिक्षा की दिशा तय करने का अवसर भी है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका नाम भी चयन सूची में आए, तो अभी से तैयारी शुरू करें और अपने राज्य की कट ऑफ को लक्ष्य बनाकर मेहनत करें।